New Delhi: अब कोई भी कंपनी अपने खाद्य या पेय उत्पाद के नाम में ORS शब्द नहीं जोड़ सकेगी. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब सिर्फ WHO अप्रूव्ड प्रोडक्ट पर ही ORS लिखा जा सकेगा. सभी कंपनियों को उनके प्रोडक्ट्स से ORS शब्द हटाने के निर्देश दिए गए हैं. FSSAI ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों को यह नया निर्देश जारी किया है.
उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापनों और गलत उत्पाद दावों से बचाने की मुहिम
आयुक्तों से कहा है कि वे इस आदेश को कड़ाई से लागू करें ताकि उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापनों और गलत उत्पाद दावों से बचाया जा सके. निर्देश में स्पष्ट किया है कि किसी भी खाद्य उत्पाद (चाहे वह फ्रूट-बेस्ड, नॉन-कार्बोनेटेड या रेडी-टू-ड्रिंक बेवरेज हो) के नाम या ब्रांड में ORS शब्द का प्रयोग अब पूरी तरह निषिद्ध है. FSSAI ने जारी आदेश में कहा कि यह आदेश पहले के दो आदेशों (14 जुलाई 2022 और 2 फरवरी 2024) को सुपरसिड करता है, यानी अब वे आदेश रद्द माने जाएंगे.
किसी भी खाद्य उत्पाद पर ORS शब्द का उपयोग नियमों का उल्लंघन
पहले इन आदेशों के तहत कुछ कंपनियों को ब्रांड नाम में ORS शब्द का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी, बशर्ते वे अपने लेबल पर यह चेतावनी दें कि यह उत्पाद WHO द्वारा अनुशंसित ORS फॉर्मूला नहीं है. लेकिन अब FSSAI ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी खाद्य उत्पाद के नाम, ब्रांड या लेबल पर ORS शब्द का उपयोग (चाहे वह किसी प्रिफिक्स या सफिक्स के साथ ही क्यों न हो) खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 और उसके अंतर्गत बने नियमों का उल्लंघन है.
उपभोक्ताओं को देते हैं भ्रामक, भेदक और गलत जानकारी
FSSAI ने कहा कि इस तरह के नाम या लेबल उपभोक्ताओं को भ्रामक, भेदक और गलत जानकारी देते हैं. ऐसे उत्पाद धारा 23 और 24, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, उप-विनियमन 4(3) और 5(1), खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) विनियम, 2020, उप-विनियमन 4(1) और 4(13), खाद्य सुरक्षा और मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम 2018 धाराओं का उल्लंघन करते हैं. इन प्रावधानों के उल्लंघन पर उत्पाद को मिसब्रांडेड और मिसलीडिंग माना जाएगा, जिसके लिए धारा 52 और 53 के तहत सजा और जुर्माना का प्रावधान है.
14 जुलाई 2022 और 2 फरवरी 2024 के आदेश तत्काल रद्द
FSSAI ने यह भी स्पष्ट किया कि 14 जुलाई 2022 और 2 फरवरी 2024 के आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द किए जाते हैं. साथ ही यह भी कहा गया कि 8 अप्रैल 2022 को जारी किया गया धारा 16(5) के तहत दिशा-निर्देश ORS के विकल्प उत्पाद के भ्रामक विज्ञापनों और मार्केटिंग संबंधी आदेश जारी रहेगा.
इसे भी पढ़ें. पाकिस्तान में भीषण सड़क हादसाः ट्रक पलटा, एक ही परिवार के 15 लोगों की मौत, कई घायल