श्रीलंका इस समय दितवाह चक्रवाती तूफ़ान (Ditwah Cyclonic Storm) की चपेट में है. इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके (Dissanayake) से फोन पर वार्ता की. उन्होंने जान-माल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की और हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा, भारत के लोग इस कठिन समय में श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं.
दिसानायके ने जताया भारत का आभार
राष्ट्रपति दिसानायके ने आपदा के बाद भारत द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता प्रकट की और बचाव दलों व राहत सामग्री की त्वरित तैनाती की सराहना की. उन्होंने समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए श्रीलंका की जनता की ओर से भी भारत के प्रति आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति दिसानायके को आश्वस्त किया कि संकटग्रस्त लोगों की सहायता के लिए चल रहे ऑपरेशन सागर बंधु के माध्यम से भारत का समर्थन लगातार जारी रहेगा.
उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत आने वाले दिनों में श्रीलंका द्वारा पुनर्वास प्रयासों, सार्वजनिक सेवाओं को फिर से शुरू करने और प्रभावित क्षेत्रों में आजीविका बहाल करने के प्रयासों के तहत सभी आवश्यक सहायता प्रदान करता रहेगा. दोनों नेताओं ने निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की.
तबाही से अबतक 334 मौत
चक्रवात ‘दित्वाह’ से श्रीलंका में हुए बड़े विनाश में अब तक कम-से-कम 334 लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय मीडिया ने डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (DMC) के हवाले से बताया कि लगभग 370 व्यक्तियों की whereabouts अभी तक पता नहीं चल पाई है. इस आपदा की पृष्ठभूमि में, ऑपरेशन सागरबंधु के तहत भारतीय वायुसेना ने प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाने के लिए राहत एवं रेस्क्यू अभियान शुरू किया है.
उन्होंने अब तक 40 श्रीलंकाई सैनिकों और 104 अन्य लोगों को सकुशल रेस्क्यू किया है. इस तूफान से कैंडी शहर में सबसे ज्यादा तबाही मची है. कैंडी में अब तक 88 मौतें हुई हैं, जबकि 150 लोग लापता बताए गए हैं. बादुल्ला में 71, नुवारा एलिया में 68 और मटाले में 23 लोगों की मौत हुई है. डेली मिरर ने डीएमसी के हवाले से बताया कि इस आपदा से देशभर के 309,607 परिवारों के 1,118,929 लोग प्रभावित हुए हैं.
यह भी पढ़े: बलरामपुर में हादसाः टक्कर के बाद बस और ट्रक में लगी आग, तीन लोग जिंदा जले

