पुलिस स्मृति दिवस: राजनाथ सिंह ने शहीदों को किया नमन, कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा में पुलिस-सेना की भूमिका एक जैसी

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

नई दिल्ली: देशभर में आज शहीद पुलिसकर्मियों को याद करने के लिए पुलिस स्मृति दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (नेशनल पुलिस मेमोरियल), चाणक्यपुरी नई दिल्ली में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए और देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बहादुर पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

इस मौके पर अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिस और सेना की भूमिका पर जोर दिया. रक्षा मंत्री ने कहा कि चाहे मंच अलग हों, लेकिन बात अगर राष्ट्रीय सुरक्षा की हो तो सेना और पुलिस दोनों का मिशन एक ही है, दोनों की भूमिका एक जैसी ही है. उन्होंने कहा कि आज जब भारत ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर चुका है और हम 2047 तक विकसित भारत का सपना देख रहे हैं, तो देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा में संतुलन बनाए रखना पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज पुलिस को सिर्फ अपराध से नहीं, बल्कि छवि से भी लड़ना पड़ता है. उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि हमारी पुलिस न केवल अपनी आधिकारिक जिम्मेदारी निभा रही है, बल्कि नैतिक कर्तव्यों का भी पालन कर रही है। जनता को आज यह भरोसा है कि अगर कुछ गलत होता है, तो पुलिस उनके साथ खड़ी होगी.

बलिदान, समर्पण और सेवा के लिए पुलिस बल को धन्यवादः रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री ने याद किया कि उन्होंने गृह मंत्री के रूप में काम करते हुए पुलिस के कार्यों को नजदीक से देखा है और अब रक्षा मंत्री के रूप में उन्हें सेना की कार्यशैली को भी देखने का अवसर मिला है. उन्होंने कहा कि चाहे दुश्मन सीमा पार से आए या हमारे बीच छिपा हो, जो भी भारत की सुरक्षा के लिए खड़ा होता है, वह एक ही भावना का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने पुलिस बल को उनके बलिदान, समर्पण और सेवा के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि देश को उन पर गर्व है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज और देश के रूप में हमने लंबे समय तक पुलिस के योगदान को पूरी तरह से सम्मान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हम वह सकारात्मक प्रयास नहीं कर पाए जो पुलिस के बलिदान को याद रखने के लिए करने चाहिए थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2018 में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना कर इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया.

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने पुलिस बल को आधुनिक हथियार और बेहतर सुविधाएं भी मुहैया कराई हैं. ताकि वे चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना कर सकें. रक्षा मंत्री ने कहा कि देश के सामने कई चुनौतियां हैं, लेकिन उन्हें निपटाने के लिए संसाधन सीमित हैं. ऐसे में उनका सर्वश्रेष्ठ उपयोग जरूरी है, जो तभी संभव है, जब सुरक्षा एजेंसियों में बेहतर तालमेल और समन्वय हो.

पीएम मोदी ने बहादुर पुलिसकर्मियों को दी श्रद्धांजलि

पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर देश के बहादुर पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने लिखा कि पुलिस स्मृति दिवस पर हम अपने पुलिसकर्मियों के साहस को नमन करते हैं और ड्यूटी के दौरान दिए गए उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करते हैं.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि पुलिसकर्मियों की अटूट निष्ठा ही हमारे देश और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। संकट और ज़रूरत के समय में उनकी बहादुरी और प्रतिबद्धता सराहनीय है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश को अपने पुलिस बल पर गर्व है, जो हर स्थिति में जनता की सेवा और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए समर्पित रहते हैं.

क्यों नाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस?

मालूम हो कि हर वर्ष 21 अक्तूबर को पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर होता है. यह दिन 1959 की उस घटना की याद में मनाया जाता है, जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीन के सैनिकों के हमले में 10 भारतीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. उनकी शहादत को याद करते हुए इस दिन को पुलिस बलों के बलिदान और योगदान को सम्मान देने के रूप में मनाया जाता है.

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