New Delhi: दिल्ली सरकार ने शहर में उद्यमशीलता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नई ड्राफ्ट स्टार्ट-अप नीति 2025 पेश की है. जिसमें 200 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड प्रस्तावित करने और विभिन्न क्षेत्रों – विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और आईटी-सक्षम सेवाओं में नई पहलों को प्रोत्साहन देने का वादा किया गया है, जिसका उद्देश्य अगले 10 वर्षों में यानि 2035 तक राजधानी को ग्लोबल इनोवेशन हब में बदलना है.
दिल्ली सरकार के उद्योग विभाग ने ड्राफ्ट पॉलिसी से दस्तावेज को अपनी वेबसाइट पर पोस्ट कर दिया है और सभी हितधारकों उद्यमियों, उद्योग प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और आम जनता से एक व्यापक और कार्यान्वयन योग्य स्टार्टअप नीति तैयार करने के लिए सुझाव मांगे हैं.
सरकार की नई पॉलिसी
यह नीति स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य, फिनटेक, ऑटोमोटिव उद्यमों, ई-कचरा प्रबंधन, रसद, गेमिंग, ग्रीन टेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों को लक्षित करती है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, SaaS, योटेक्नोलॉजी, ऑगमेंटेड रियलिटी और ड्रोन जैसी उभरती हुई तकनीकों को भी प्राथमिकता दी जाती है. बाजार की मांग और तकनीकी प्रगति के आधार पर अतिरिक्त फोकस क्षेत्रों को जोड़ा जा सकता है.
वित्तीय प्रोत्साहन
- वर्कस्पेस लीज़ रेंटल पर 100% रीइंबर्समेंट, अधिकतम 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक, अधिकतम तीन साल की अवधि के लिए.
- पेटेंट, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट फाइलिंग पर 100% रीइंबर्समेंट – भारतीय पेटेंट पर अधिकतम 1 लाख रुपये और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट पर 3 लाख रुपये तक.
- घरेलू प्रदर्शनियों में भाग लेने पर अधिकतम 5 लाख रुपये और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भाग लेने पर 10 लाख रुपये तक की पूरी लागत का रीइंबर्समेंट.
- परिचालन लागत के लिए 2 लाख रुपये मासिक भत्ता, अधिकतम एक वर्ष तक.
आसान आवेदन, सिंगल विंडो सिस्टम
जो भी स्टार्ट-अप इन सुविधाओं का फायदा उठाना चाहता है, उसे दिल्ली सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए आवेदन करना होगा. जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के बाद आवेदन की जांच नोडल एजेंसी करेगी और फिर स्टार्ट-अप टास्क फोर्स को भेजेगी. अंतिम निर्णय आने के बाद स्टार्ट-अप को पोर्टल के जरिए जानकारी दी जाएगी.
5,000 स्टार्टअप को स्थापित करने में करेगी मदद
ड्राफ्ट पॉलिसी के अनुसार, दिल्ली स्टार्टअप नीति 2025, 2035 तक कम से कम 5,000 स्टार्टअप को स्थापित करने में सहायता और सुविधा प्रदान करेगी. इसका उद्देश्य नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए उद्यमिता को प्रोत्साहित करना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन विचारों को बढ़ावा देना और नए व्यवसायों को विकसित करने हेतु बुनियादी ढांचे से युक्त विश्वस्तरीय इनक्यूबेटर स्थापित करना है.
कार्यान्वयन और निगरानी
उद्योग विभाग नीति कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा. उद्योग आयुक्त के नेतृत्व वाली एक निगरानी समिति और एक स्टार्ट-अप टास्क फोर्स प्रक्रिया की देखरेख करेगी. यह संरचित दृष्टिकोण दिल्ली में एक फलते-फूलते स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है.
महिला उद्यमियों को अतिरिक्त वित्तीय लाभ देने का है लक्ष्य
ड्राफ्ट पॉलिसी में कहा गया है कि पात्र स्टार्टअप्स को सह-कार्यशील स्थान पट्टे पर देने, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पेटेंट और कॉपीराइट के लिए आवेदन करने, अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भाग लेने और एक तय अवधि के लिए परिचालन लागत वहन करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा. महिला उद्यमियों को अतिरिक्त वित्तीय लाभ प्राप्त होंगे.
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