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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Varanasi: सावन के तीसरे सोमवार को भी काशी विश्वनाथ दरबार में भक्तों की आस्था उमड़ी। पहले पहर की मंगला आरती के साथ काशी मंगल ध्वनि से गूंज उठी। घंटे-घड़ियाल, शंख और डमरुओं की निनाद दिनभर काशी के शिवालयों में गूंजती रही। शाम की बेला में बाबा ने अपने विशेष रूप अर्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन दिए। सायंकाल श्रृंगार आरती में बाबा के विशेष स्वरूप अर्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार किया गया।
सावन का हर सोमवार शिव के चरणों में समर्पण का उत्सव बन जाता है। इस उत्सव का श्रृंगार कांवड़ियों से लेकर शिवभक्तों की टोलियों से होता है। योगी सरकार ने कांवड़ियों के रूप में पग-पग पर शिवदूतों और अन्य शिव भक्तों की सुरक्षा के इंतजाम किए थे। काशी की सावन यात्रा धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उत्सव का प्रतीक है,जहां हर भक्त शिव भक्ति में डूबकर जीवन को धन्य बनाते हैं। सावन के तीसरे सोमवार को जलाभिषेक करके शिव भक्त महादेव के भक्ति में सराबोर दिखे।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि धार्मिक मान्यता और परम्पराओं के अनुसार श्रावण के तृतीय सोमवार को सायंकाल श्रृंगार आरती में बाबा के विशेष रूप अर्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार किया गया।बाबा विश्वनाथ का अर्धनारीश्वर स्वरूप का भक्तों दर्शन कर महादेव की आस्था में लीन दिखे। वहीं सुरक्षा के दृष्टि से कांवड़ मार्ग से लगायत बाबा के दरबार के अलावा काशी के सभी शिवालयों में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम था।