Reporter
The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Varanasi: योगी सरकार शिक्षा के मंदिर, वाराणसी के सभी प्राथमिक विद्यालयों को अब सौर ऊर्जा से रोशन करेगी. वाराणसी के 978 प्राथमिक विद्यालयों में ऑन ग्रिड सोलर पैनल लगाए जाने की योजना है, जबकि 167 विद्यालय पहले से सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे है. जिससे न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. यह पहल न केवल स्कूलों के वित्तीय बोझ को कम करेगी, बल्कि बच्चों को बचपन से ही सौर ऊर्जा के महत्व को समझने का अवसर भी प्रदान करेगी. इसका योजना का प्रस्ताव यूपीनेडा मुख्यालय भेजा गया। प्रस्ताव पास होते ही काम शुरू होगा।.
विभाग में आएगा बड़ा बदलाव, मॉडल बनेंगे स्कूल
प्राथमिक स्कूलों के बच्चे जब सूर्य की किरणों से बिजली बनते देखेंगे तो उनको पर्यावरण संरक्षण के साथ ही विज्ञान के प्रति भी रूचि पैदा होगी. मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि वाराणसी में 1145 प्राथमिक विद्यालय है. जिसमे से 167 स्कूलों में सोलर प्लांट स्थापित हो चुका. 978 प्राथमिक विद्यालयों में सोलर पैनल के स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. ऑन ग्रिड सौर ऊर्जा के लिए स्कूलों में किलोवाट को बढ़ाने से लेकर अन्य जरूरत के कार्यो को नियमानुसार किये जायेंगे. ये परियोजना बेसिक शिक्षा विभाग में एक बड़ा संरचनात्मक बदलाव लाएगी. स्कूलों को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने से उनकी कार्यप्रणाली में दक्षता आएगी. छात्रों और समुदाय को नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करेगा. यह पहल अन्य सरकारी संस्थानों और निजी प्रतिष्ठानों के लिए भी एक मॉडल के रूप में काम करेगी.
भविष्य की ओर एक कदम
यूपीनेडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी शशि गुप्ता ने जानकारी दिया कि प्राथमिक स्कूलों में सोलर पावर प्लांट कैपेक्स मोड में लगाया जाएगा. वाराणसी के प्राथमिक स्कूलों में सोलर पैनल लगाने का यह निर्णय एक दूरदर्शी कदम है. यह न केवल वर्तमान में स्कूलों की बिजली संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक और ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेगा.