कश्मीर घाटी की अज्ञात कब्रों का सच: SYSF की रिपोर्ट ने अलगाववादी दावों का किया पर्दाफाश

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Unmarked Graves in Kashmir: श्रीनगर स्थित एनजीओ सेव यूथ सेव फ्यूचर फाउंडेशन (SYSF) ने अपनी विशेष रिपोर्ट “अनरैवलिंग द ट्रुथ: ए क्रिटिकल स्टडी ऑफ अनमार्क्ड एंड अनआइडेंटिफाइड ग्रेव्स इन कश्मीर वैली” जारी की है. इस रिपोर्ट को नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में पत्रकारों के साथ साझा किया गया, जहां पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह भी उपस्थित रहे.
SYSF चेयरमैन वजाहत फारूक भट और डेली मिलाप के सीनियर एडिटर रिशी सूरी सम्मानित अतिथि थे. रिसर्च टीम की अगुआ अनिका नजीर ने आंकड़े प्रस्तुत किए. रिपोर्ट 6 वर्षों (दिसंबर 2018 से दिसंबर 2024) के फील्ड रिसर्च पर आधारित है, जो कश्मीर में अज्ञात कब्रों के दुष्प्रचार को चुनौती देती है.
रिपोर्ट का मुख्य मिशन अज्ञात कब्रों के दावों की जमीनी जांच करना है. 4 जिलों-बारामूला, बंदीपोरा, गांदरबल और कुपवाड़ा-में कब्र स्थलों का डॉक्यूमेंटेशन और विश्लेषण किया गया. आधिकारिक रिकॉर्ड्स को स्थानीय गवाहियों से क्रॉस-रेफरेंस किया गया, ताकि कब्रों में दफन व्यक्तियों के बारे में तथ्य स्थापित हों. रिपोर्ट ने दावा किया कि 99% कब्रें डाक्‍यूमेंटेड हैं, जो मानवाधिकार समूहों के पुराने आरोपों को खारिज करती है.
पहले, एसोसिएशन ऑफ पैरेंट्स ऑफ डिसअपीयर्ड पर्सन्स (APDP) और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसी संस्थाओं ने आरोप लगाया था कि ये कब्रें गायब नागरिकों की हैं, लेकिन SYSF ने इन्हें विदेशी उग्रवादियों से जोड़ा.

373 कब्रों का सर्वे किया गया

ट्रायंगुलेशन अप्रोच अपनाई गई, जिसमें डेस्क रिसर्च, फील्ड जांच और स्थानीय गवाहियां शामिल हैं. दोनों गुणात्मक और मात्रात्मक तरीके इस्तेमाल किए गए, सेमी-एथ्नोग्राफिक ओरिएंटेशन के साथ. जियोटैगिंग, फोटोग्राफ्स, FIR विश्लेषण और रिकॉर्ड्स का उपयोग हुआ. 373 कब्रों का सर्वे किया गया, जिसमें सुविधा, स्नोबॉल और टारगेटेड सैंपलिंग रणनीतियां अपनाई गईं. रिपोर्ट ने पुरानी रिपोर्ट्स की आलोचना की, जो अनवेरिफाइड गवाहियों पर आधारित थीं, बिना DNA टेस्टिंग के.
4056 कब्रों का डेटा जुटाया गया (1947 से): जिनमें 2493 विदेशी उग्रवादी (मुख्यतः पाकिस्तानी), 1208 स्थानीय उग्रवादी, 276 अज्ञात, 9 नागरिक और 70 आदिवासी (कबाइली की) . 93.2% कब्रें ठीक से डाक्‍यूमेंटेड हैं, जो सामूहिक नागरिक हत्याओं के मिथक को खारिज करती हैं. रिपोर्ट पाकिस्तान की प्रॉक्सी वार (Pakistan Proxy War) को उजागर करती है, जहां विदेशी उग्रवादी घुसपैठ करते हैं. अज्ञात कब्रों के लिए DNA जांच की सिफारिश की गई.

अलगाववादियों के झूठ को चुनौती

रिपोर्ट ने पश्चिमी एनजीओ और अलगाववादियों के प्रचार को चुनौती दी, जो भारतीय सेना पर अत्याचार का आरोप लगाते हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी ने पहले 8,000 लोगों के लापता होने का दावा किया था, लेकिन SYSF ने इसे तथ्यों से खारिज किया. अनिका नजीर ने कहा, “हमारे रिसर्च में विदेशी उग्रवादियों के तौर पर पाकिस्तान की भूमिका स्पष्ट होती है.”
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