Bihar Politics: लालू और कांग्रेस के साथ मिलकर क्या नीतीश को मजधार में फंसाएंगे मांझी! मिला बड़ा ऑफर

Ujjwal Kumar Rai
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Chief Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bihar Politics: बिहार की सियासी सरगर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है. ये खबर आ रही थी कि बिहार सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे के फैसले से पहले बड़ा खेला हो सकता है. बिहार में जिस तेजी से राजनीतिक घटनाक्रम बदल रहा है उसमें कब क्या हो कुछ भी कह पाना मुश्किल है. एक तरफ महागठबंधन सरकार का भविष्य अधर में है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी राजद मिलकर बड़ा गेम प्लान कर सकती है.

सूत्रों की मानें, तो बिहार में बीजेपी अपने सहयोगी दलों को साथ में एक मंच पर लाने का प्रयास कर रही है. वहीं, कांग्रेस और राजद ये प्रयास कर रही है कि किसी तरह से वो एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को अपने पाले में लाया जाए. बिहार में नीतीश के लिए मुसीबत खड़ी हो सके.

शायद यही वजह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल को पार्टी ने राज्य में पर्यवेक्षक बनाया है. वह शनिवार शाम को पटना पहुंच रहे हैं. सूत्रों की मानें, तो उन्होंने भूपेश बघेल और राहुल गांधी ने हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा से बातचीत की है. ऐसी चर्चा है कि संतोष मांझी को डिप्टी सीएम या फिर जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद ऑफर दिया गया है. अगर ऐसा हुआ तो नीतीश कुमार का खेला बिगड़ जाएगा.

क्या मांझी बदल सकते हैं पाला?
कहीं न कहीं तो भाजपा को ये पता है कि जीतन राम मांझी कभी भी अपना पाला बदल सकते हैं. शायद यही वजह है कि शुक्रवार को जीतन राम मांझी से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई किसी का न स्थायी दोस्त होता है न दुश्मन. इससे पहले जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने भी ये दावा किया था कि बिहार की सरकार एक 2 दिन में गिर जाएगी.

इस बीच भाजपा ने जदयू को लेकर संकेत दिया हैं कि राजनीति में किसी के लिए दरवाजे स्थायी रूप से बंद नहीं है. ये बंद दरवाजे समय आने पर खुल जाते हैं. अब तय केंद्रीय नेतृत्व को करना है कि नीतीश कुमार के लिए ये दरवाजे कब खोलने हैं. क्योंकि, जब साल 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश ने जब भाजपा से नाता तोड़ा था, तब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नीतीश बाबू और ललन बाबू के लिए भाजपा के दरवाज़े हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं.

अमित शाह का पुराना बयान हो रहा वायरल
इस बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह का एक पुराना बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वह कह रहे हैं, “किसी के भी मन में अगर ये संशय हो कि चुनाव परिणामों के बाद नीतीश बाबू को फिर से भाजपा, NDA गठबंधन में लेगी… तो मैं बिहार की जनता को स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि आप लोगों (नीतीश बाबू और ललन बाबू) के लिए भाजपा के दरवाज़े हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं”

सियासी भविष्य को लेकर चिराग फिक्रमंद
इस बीच चिराग पासवान भी महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आ रहे हैं. हालांकि, 2022 के चुनाव के समय भी वह नीतीश कुमार को लेकर बहुत खुश नहीं थे. बिहार के सियासी समीकरण की बात करें, तो चिराग पासवान की नीतीश कुमार की पुरानी राजनीतिक अदावत है. अब फिर से जब नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनने जा रहे हैं. ऐसे में चिराग पासवान अपने सियासी भविष्य को लेकर काफी फिक्रमंद हैं.

अमित शाह और नड्डा से मिलकर की बात
नीतीश कुमार की पुरानी राजनीतिक अदावत और उनके पुराने गठबंधन बदलने के इतिहास को लेकर चिराग चिंतित हैं. इन्हीं चिंताओं को लेकर चिराग पासवान ने दिल्ली में अमित शाह और नड्डा से मुलाकात की. चिराग पासवान ने बैठक में कहा, आप लोग जो भी फैसला लेंगे, वो वो मुझे मंजूर होगा, लेकिन नीतीश कुमार के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पिछले इतिहास को ध्यान में रखा जाए. किसी भी हालत में इतिहास न दोहराया जाए. इसके बाद दोनों नेताओं ने चिराग पासवान को आश्वासन दिया कि वे चिंता न करें. चिराग पासवान के सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

बीजेपी नहीं लेना चाहती कोई चांस
इस बीच भारतीय जनता पार्टी भी नीतीश कुमार के पुराने गठबंधन बदलने के इतिहास को लेकर कोई चांस नहीं लेना चाहती. इसलिए बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में ये कहा गया है कि नीतीश कुमार पहले राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपें. इसके बाद ही बीजेपी अपना रुख स्पष्ट करेगी. बीजेपी नहीं चाहती है कि इस सियासी उफान के बीच आरजेडी को सरकार बनाने का मौका मिले. बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक कल रविवार को सुबह 9 बजे हो सकती है.

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