Israel Attack on Iran: ईरान पर इजरायल के हमलों के बाद पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी दी है. उन्होंने कहा है कि ईरान पर हुए हमले से अमेरिका का कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे में यदि ईरान की ओर ये अमेरिका पर कोई हमला होता है, तो उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा, हम पर कोई हमला हुआ तो अमेरिकी सशस्त्र बल पूरी ताकत से आप पर हमला करेंगे.
वहीं, अब खबर है कि ईरान के विदेश मंत्री ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा है. दरअसल, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने हाल ही में विदेशी राजनयिकों के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान का सैन्य जवाब पूरी तरह वैध है. अराघची ने कहा कि हम अपना बचाव कर रहे हैं; हमारा बचाव पूरी तरह से वैध है. उन्होंने कहा कि यदि आक्रामकता रुक जाती है तो स्वाभाविक रूप से हमारी प्रतिक्रिया भी रुक जाएगी.
ईरान ने इजरायल पर दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें
बता दें कि ईरान ने शनिवार की रात से लेकर रविवार की सुबह तक इजरायल पर दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से कई ने सैन्य के साथ-साथ नागरिक क्षेत्रों को भी निशाना बनाया. ईरान के द्वारा किए गए इस हमले में करीब 10 इजरायली नागरिकों की मौत हो चुकी है. इस हमले को ईरान का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष सैन्य जवाब माना जा रहा है.
वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति पर मंडरा रहा खतरा
वहीं, ईरानी विदेश मंत्री ने इजरायल के हमले को आक्रामक और खतरनाक बताया. इसके साथ ही यह आरोप भी लगाया कि इजरायल ने ईरान और कतर के बीच मौजूद गैस एरिया को टारगेट किया. अराघची ने कहा कि संघर्ष को फारस की खाड़ी तक खींचना एक रणनीतिक गलती है. आपको बता दें कि दक्षिण पारस क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े गैस भंडारों में से एक है. ऐसे में यदि संघर्ष वहां तक फैला तो यह वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को खतरे में डाल सकता है.
इजरायली हमला एक सोची-समझी रणनीति?
अराघची ने आरोप लगाते हुए कहा कि इजरायल का मुख्य उद्देश्य ईरान और अमेरिका के बीच चल रही परमाणु वार्ता को विफल करना है. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका का नाम लिए बिना ही कहा कि इजरायल का हमला समर्थन के बिना नहीं होता है. ऐसे में यदि अमेरिका भरोसा चाहता है तो उसे इजरायली हमलों की निंदा करनी चाहिए.
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