America H-1B Visa: अमेरिका में H-1B वीजा पर काम कर रहे लोगों की आगामी दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती है. दरअसल, यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने ‘चाइल्स स्टेटस प्रोटेक्शन एक्ट’ (CSPA) को लेकर अपने पॉलिसी मैनुअल को अपडेट किया है, जिसके चलते H-1B वीजा धारकों के बच्चों को ग्रीन कार्ड मिलना मुश्किल हो सकता है.
अमेरिकी सरकार की यह नई पॉलिसी 15 अगस्त 2025 या उसके बाद दायर याचिकाओं पर लागू होगी. इस नई नीति के तहत USCIS और विदेश विभाग दोनों फाइनल एक्शन डेट चार्ट पर निर्भर करेंगे. अर्थात किसी भी वीजा को तभी ‘उपलब्ध’ माना जाता है जब फाइनल एक्शन डेट वर्तमान हो जाए. ऐसे में इस बदलाव से CSPA के तहत बच्चों की सुरक्षा की अवधि कम हो सकती है, जिससे कुछ बच्चों की उम्र पहले से ज्यादा हो सकती है.
भारतीयों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा प्रभाव
अमेरिका की यह नई पॉलिसी भारतीयों के लिए काफी अहम होने वाला है क्योंकि H-1B वीजा के तहत कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है. बता दें कि वित्त वर्ष 2023 में स्वीकृत आवेदनों में से लगभग 73 फीसदी भारतीय नागरिकों के हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2010 से, हर साल अधिकांश H-1B स्वीकृतियां लगातार भारत में जन्मे लोगों को ही मिली हैं.
पहले कैसे होता था एज कैलकुलेशन?
बता दें कि पहले USCIS की ओर से CSPA एज कैलकुलेशन के लिए वीजा उपलब्धता निर्धारित करने के लिए डेट्स फॉर फाइलिंग चार्ट का इस्तेमाल किया जाता था, जिसे कभी-कभी अमेरिका के अंदर और बाहर के आवेदकों के बीच अंतर होता था. वहीं, अब इस नई नीति के तहत USCIS और विदेश मंत्रालय दोनों फाइनल एक्शन डेट्स का इस्तेमाल करेंगे. ऐसे में कोई वीजा तभी उपलब्ध माना जाएगा, जब फाइनल एक्शन डेट वर्तमान होगी. इस बदलाव से वो अवधि कम होगी जो बच्चे को CSPA के तहत संरक्षित करती थी.
भारतीयों के लिए है चिंता की बात
अमेरिका की वीजा पॉलिसी में हुए इस नए बदलाव ने भारतीय H-1B वीजा धारकों के परिवारों की टेंशन बढ़ा दी है, जिनमें कई लोग दशकों से वीजा बैकलॉग का सामना कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस बदलाव से करीब 2,00,000 बच्चे और युवा प्रभावित हो सकते हैं. दरअसल, अमेरिका में H-1B वीजा होल्डरों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है.
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट की मानें तो वित्त वर्ष 2023 में करीब 1,91,000 भारतीयों को H-1B जारी किए गए थे और वित्त वर्ष 2024 में H-1B वीजा वाले भारतीयों की संख्या बढ़कर करीब 2,07,000 हो गई थी.
क्या हैं ग्रीन कार्ड धारकों के अधिकार
बता दें कि अमेरिका में जिन लोगों के पास ग्रीन कार्ड हैं, उनके भी अधिकार हैं. उन्हें कानूनी प्रतिनिधित्व मांगने और संघीय अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने पर चुप रहने का अधिकार है. दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक है, लेकिन कानूनी प्रतिनिधित्व के बिना आव्रजन अधिकारियों की पूछताछ का जवाब देना जरूरी नहीं है. अमेरिका का ग्रीन कार्ड या स्थायी निवास कार्ड प्रवासियों को संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थायी रूप से काम करने और रहने की अनुमति देता है.
यह भी पढ़ें:–पाकिस्तान में चलेगा ब्रह्मोस, आएगी सुनामी…’, बिलावल भुट्टो की धमकी पर भड़के मिथुन चक्रवर्ती, दी चेतावनी