अंतरिक्ष उड़ान भरने से चूके शुभांशु शुक्ला, चौथी बार टला Axiom-4 मिशन, जानें क्‍या है वजह

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Axiom-4: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए लॉन्च होने वाले Axiom-4 मिशन को आज एक बार फिर से टाल दिया गया. ऐसे में अंतरिक्ष की यात्रा के सपने देखने वाले भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का इंतजार और बढ़ गया है. इसकी जानकारी SpaceX कंपनी ने दी है. बता दें कि ये चौथी बार है जब इस मिशन का टालने का फैसला किया गया है.

SpaceX कंपनी के मुताबिक, रॉकेट के जांच के दौरान उसके एक हिस्से में लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) का रिसाव पाया गया है, जिसकी चलते इस लॉन्चि‍ग को टालना पड़ा है. फिलहाल एक्‍सपर्ट्स के द्वारा इस गड़बड़ी को ठीक किया जा रहा है. ऐसे में इस खराबी में सुधार होते ही फिर से इसे लॉन्‍च किए जाने की अनुमति मिल जाएगी.

41 साल बाद स्पेस में जाएगा कोई भारतीय

बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से आज शाम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होने वाले थें. स्पेस-एक्स के ड्रैगन कैप्सूल से शुभांशु शुक्ला के साथ तीन और एस्ट्रोनॉट्स भी 14 दिनों के लिए स्पेस स्टेशन पर जाने वाले हैं. हालांकि इससे पहले चारों एस्ट्रोनॉट्स को 9 जून को ही रवाना होना था लेकिन खराब मौसम के कारण Axiom-4 मिशन को दो दिन के टाल दिया गया था.

Axiom-4 मिशन का मकसद क्या है?

शुभांशु ISS पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे. बता दें कि कैप्टन राकेश शर्मा के 41 साल बाद कोई भारतीय यात्री अंतरिक्ष में जा रहा है. ऐसे में अब सवाल ये है कि जिस मिशन पर शुभांशु शुक्ला समेत एक्सियम-4 की टीम जा रही है उसका मकसद क्या है? दरअसल, इस मिशन में कई साइंटिफ़िक एक्सपेरिमेंट किए जाने हैं.

  • नासा के मुताबिक, इस मिशन में साइंस, आउटरीच और कमर्शियल एक्टिविटीज़ पर फोकस होगा.
  • इसके अलावा Axiom-4 की टीम बीज अंकुरण और अंतरिक्ष में पौधे कैसे उगते हैं, इस पर भी अध्ययन करेगी. इस दौरान अंतरिक्ष में लगभग जीरो ग्रैविटी पर पौधे कैसे उगते हैं और इन पौधों में क्या विशेषताएं होंगी आदि सवालों के जवाबों के बारे में पता लगाया जाएगा. खास बात ये है कि इस बार भारतीय वैज्ञानिकों ने भी 7 एक्सपेरिमेंट का सुझाव दिया है.
  • वहीं, एक रिसर्च मांसपेशियों की क्षीणता के लिए जिम्मेदार कारणों की पहचान करना भी होगा.
  • एक और दिलचस्प प्रयोग पानी के बैक्टीरिया को लेकर भी होगा.

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