Donald Trump: भारत और पाकिस्तान के 10 मई को सैन्य संघर्ष रोकने का फैसला लेने के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई मौकों पर यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव ‘‘रोकने में मदद की’’ और उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न दक्षिण एशियाई देशों से कहा था कि अगर वे संघर्ष रोकते हैं तो अमेरिका उनके साथ ‘‘बहुत व्यापार’’ करेगा, लेकिन बुधवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में मीडिया के बातचीत के दौरान पहली बार उन्होंने भारत पाकिस्तान संघर्ष रोकने का श्रेय खुद नहीं लिया. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के दो ‘‘बहुत चतुर’’ नेताओं ने एक ऐसा युद्ध जारी न रखने का ‘‘निर्णय’’ लिया जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की दोपहर के भोजन पर मेजबानी करने के बाद कहा कि वह मुनीर से मुलाकात कर ‘सम्मानित’महसूस कर रहे हैं. वहीं, मुनीर के साथ हुई बैठक में ईरान पर चर्चा को लेकर पूछे गए सवाल पर ट्रंप ने कहा कि ‘‘खैर, वे ईरान को बहुत अच्छी तरह, ज्यादातर लोगों से बेहतर जानते हैं और वे किसी भी चीज से खुश नहीं हैं. ऐसा नहीं है कि इजराइल के साथ उनके खराब रिश्ते हैं. वे असल में दोनों को जानते हैं लेकिन शायद वे ईरान को बेहतर जानते हैं लेकिन वे देख रहे हैं कि क्या चल रहा है और उन्होंने मुझसे सहमति जतायी है.’’
मुनीर का शुक्रिया अदा करना चाहता: ट्रंप
इसके साथ ही उन्होंने मुनीर के अमेरिका दौरे को लेकर कहा कि ‘‘मैं उन्हें यहां इसलिए बुलाना चाहता था कि मैं युद्ध न करने, संघर्ष खत्म करने के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. जैसा कि आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुछ समय पहले यहां से गए हैं और हम भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं इसलिए भी मैं धन्यवाद देना चाहता हूं. हम पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं.’’
दो बहुत चतुर लोगों ने किया युद्ध आगे न बढ़ाने का फैसला
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कनाडा के कनैनिस्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के बाद मुलाकात करने का कार्यक्रम था, लेकिन ट्रंप को इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के कारण समय से पहले वाशिंगटन लौटना पड़ा, जिसके कारण उनकी मोदी से मुलाकात नहीं हो पायी.
हालांकि दोनों देशों के नेताओं ने फोन पर करीब 35 मिनट बातचीत की. इस दौरान ट्रंप ने कहा कि ‘‘वे दोनों (मोदी और मुनीर) यहां थे लेकिन कुछ सप्ताह पहले मैं मोदी के साथ था. मैं बहुत खुश हूं कि दो बहुत चतुर लोगों ने युद्ध आगे न बढ़ाने का फैसला किया. यह परमाणु युद्ध हो सकता था. वे दो परमाणु संपन्न देश, बहुत बड़ी परमाणु शक्तियां हैं और उन्होंने यह फैसला लिया.’’
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