Gen-Z ग्रुप ने की पूर्व पीएम ओली और गृह मंत्री रमेश लेखक के गिरफ्तारी की मांग, प्रदर्शन में हुई 72 मौतों के लिए ठहराया जिम्मेदार

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Gen Z, Nepal: ‘जेन जेड’ समूह ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और तत्कालीन गृह मंत्री रमेश लेखक की गिरफ्तारी की मांग की है. विरोध-प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले ‘जेन जेड’ समूह ने यह मांग 8 सितंबर को सरकार विरोधी-प्रदर्शनों के दौरान हुई गोलीबारी में कथित भूमिका को लेकर की गई है.

‘जेन जेड’ समूह के सलाहकारों में से एक डॉ.निकोलस बुशल ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि ओली, लेखक और काठमांडू के मुख्य जिला अधिकारी छवि रिजाल को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि वे नया बानेश्वर में गोलीबारी के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे, जिसमें 19 कार्यकर्ता मारे गए थे.

बुशल ने की नेताओं-अधिकारियों की संपत्ति जांच की मांग

इतना ही नहीं, बुशल ने 1990 के बाद से सभी उच्च पदस्थ नेताओं और सरकारी अधिकारियों की संपत्ति की जांच करने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच आयोग के गठन की भी मांग की. सिंह दरबार सचिवालय के पास मैतीघर मंडला में ‘जेन जेड’ के कार्यकर्ताओं ने ओली और लेखक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दिया और उन्‍होंने आठ सितंबर को अपनी विरोध रैली शुरू की थी.

मैंने नहीं दिया था गोली चलाने का ऑर्डर: ओली

बता दें कि कथित भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया वेबसाइट पर प्रतिबंध के खिलाफ आठ और नौ सितंबर को हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के दौरान 3 पुलिसकर्मियों समेत 72 लोग मारे गए थे. हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने इस बात से साफ इंकार किया है कि उन्होंने प्रदर्शन के दौरान किसी गोलीबारी का आदेश दिया था. उनका कहना है कि प्रदर्शनकारियों पर स्वचालित बंदूकों से गोलियां चलाई गईं, जो पुलिस के पास नहीं थीं. इसके साथ ही उन्‍होंने इस मामले की जांच की भी मांग की है.

 पूर्ववर्ती सरकार ने लगाया सोशल मीडिया साइट पर प्रतिबंध

इस बीच, उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत ने कहा कि शीर्ष अदालत ने सोशल मीडिया वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी नहीं किया है, बल्कि सरकार से आवश्यक कानून बनाकर सोशल मीडिया वेबसाइट को विनियमित करने का आग्रह किया था, जो एक सामान्य अंतरराष्ट्रीय प्रथा है.

दरअसल, ओली के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए 26 सोशल मीडिया साइट पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसका 8 सितंबर को ‘जेन जेड’ समूह ने विरोध किया था, जिसके बाद सोशल मीडिया साइट पर लगाया गया प्रतिबंध हटा लिया गया था.

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