H-1B Visa: H-1B वीजा को लेकर राहत भरी खबर है. अमेरिका में रहने वाले हजारों भारतीय टेक प्रोफेशनल्स और छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. ट्रंप प्रशासन ने साफ किया है कि हाल ही में लागू की गई H-1B वीजा की 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) की भारी-भरकम फीस से कई लोगों को छूट मिलेगी. खास तौर पर, अमेरिका में पहले से मौजूद अंतरराष्ट्रीय स्नातकों और मौजूदा H-1B वीजा धारकों को यह फीस नहीं देनी होगी.
इस ऐलान से भारतीय कामगारों, अमेरिकी नियोक्ताओं और इमिग्रेशन वकीलों की चिंताएं काफी हद तक कम हो गई है. पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने तकनीकी रूप से कुशल विदेशी कामगारों के लिए यह मोटी फीस लागू की थी. इस खबर से भारतीय पेशेवरों को भारी चिंता हो गई थी, लेकिन अब नई गाइडलाइंस ने राहत पहुंचने का काम किया है.
मौजूदा वीजा धारकों को मिली राहत
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने साफ किया कि यह 1 लाख डॉलर की फीस उन लोगों पर लागू नहीं होगी, जो पहले से अमेरिका में वैध वीजा पर रह रहे हैं. इसमें F-1 स्टूडेंट वीजा धारक, L-1 इंट्रा-कंपनी ट्रांसफरी और मौजूदा H-1B वीजा धारक शामिल हैं. ये अपने वीजा की रिन्यूअल या एक्सटेंशन के लिए आवेदन कर रहे हैं.
USCIS ने यह भी कहा कि 21 सितंबर 2025 से पहले जमा किए गए किसी भी H-1B आवेदन पर यह फीस लागू नहीं होगी. इसके अलावा, H-1B वीजा धारक बिना किसी रोक-टोक के अमेरिका के अंदर और बाहर यात्रा कर सकते हैं. साथ ही, F-1 वीजा से H-1B वीजा में बदलाव करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भी यह फीस नहीं देनी होगी.
भारतीयों पर पड़ा था सबसे ज्यादा असर
भारतीय पेशेवरों की H-1B वीजा प्रोग्राम में संख्या सबसे ज्यादा है. अमेरिका में करीब 3 लाख भारतीय H-1B वीजा पर काम कर रहे हैं. ये लोग ज्यादातर टेक्नोलॉजी और सर्विस सेक्टर में हैं. आंकड़ों के अनुसार, हर वर्ष नए H-1B वीजा में 70% भारतीयों को मिलते हैं, जबकि 11-12% चीनी नागरिकों को H-1B वीजा मिलता है.
H-1B वीजा हाई स्किल्ड कामगारों को तीन वर्ष तक अमेरिका में काम करने की परमिशन देता है. इसे तीन साल और बढ़ाया जा सकता है. हर वर्ष 85,000 नए वीजा लॉटरी सिस्टम के जरिए दिए जाते हैं. इस छूट से अब भारतीय टेक प्रोफेशनल्स और छात्रों को अपने करियर और भविष्य की चिंता कम हो जाएगी.