भारत के विकराल रूप से खौफ में पाकिस्तान, 1971 की जंग में मिले जख्म से आज भी कांप रहे असीम मुनीर

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

 INS Vikrant: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार INS Vikrant पर नौसेना के साथ दिवाली मनाने का फैसला किया था, जो पाकिस्‍तान के लिए तगड़ा संदेश माना जा रहा है. भारत ने बिना कुछ बोले ही पड़ोसी मूल्‍क को ये संदेश दिया है कि वो चाहे तो पाकिस्तानी सेना को अपना वो विकराल रूप दिखा सकता है जिससे आसिम मुनीर भी थर-थर कांपते हैं और यही खौफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी देखने को मिला था. वहीं इससे पहले साल 1971 की जंग के दौरान भी भारत ने इस अंग पर भयानक घाव दिया था.

क्यों कांप गए थे Asim Munir?

दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कुछ सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें स्‍पष्‍ट रूप से दिखाई दे रहा था कि पाकिस्‍तान किस तरह से अपनी पिद्दी सेना का एक अंग किस तरह छुपा रही थी, डर था कि भारत का INS Vikrant से इस हिस्से के टुकड़े-टुकड़े ना कर दे.

पाकिस्तान जिसे भारत से दुबकाता फिरता है, वो हिस्सा मुनीर की नौसेना है. दरअसल, पाकिस्तान अरब सागर में भारतीय नौसेना की मौजूदगी से कांपती है और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने डर के मारे कराची और ओरमारा में अपने पारंपरिक नौसेना अड्डे खाली कर दिए थे. इस दौरान कुछ युद्धपोत की ईरान सीमा के करीब और कुछ युद्धपोत को ग्वादर पोर्ट भेज दिए थे.

INS Vikrant ने कर ली थी तैयारी

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का विक्रांत कैरियर बैटल ग्रुप हमले की तैयारी में था. इसके 4 एस्कॉर्ट जहाजों पर ब्रह्मोस मिसाइलें लोड कर दी गई थी. यदि युद्ध विराम ना होता तो मुनीर की सेना का बुरा हाल तय था. वहीं, इससे पहले साल 1971 की लड़ाई में भारतीय नौसेना ने जब कराची पोर्ट पर तबाही मचाई थी तब आग हफ्ते भर लगातार जल रही थी.

Pakistan का क्या होगा हाल?

गौरतलब है कि जब पाकिस्‍तान भारत से भिड़ा है, तो उसका बुरा हाल हुआ है और पाकिस्तान की नौसेना लगभग निष्क्रिय हो जाते ही. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इडियन एयरफोर्स ने कराची के अमेरिकी सर्विलांस रडार तबाह कर दिए थे और पाकिस्तान की सेना पानी में अपंग हो गई थी. यही वजह है कि आसीम मुनीर कोशिश कर रहे हैं कि पसनी बंदरगाह की देखरेख अमेरिका कर ले, जिससे भारतीय नौसेना से किसी तरह पाकिस्तान को बचाया जा सके.

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