पांच दिन पहले इजरायल के दावों में मारा गया अली शमखानी निकला जिंदा, नेतन्याहू को लगा बड़ा झटका

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Iran and Israel War: पश्चिम एशिया में जारी भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच ईरान के लिए एक राहत की खबर सामने आई है. दरअसल, इजरायली हमले में पांच दिन पहले खामेनेई के जिस करीबी के मरने की खबर सामने आई थी, उसने खुद सामने आकर अपने जिंदा होने की पुष्टि की है. उन्‍होंने कहा है कि मैं चोटिल जरूर हूं, मौत की खबरें झूठी और भ्रामक हैं.

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी और वरिष्ठ सलाहकार अली शमखानी ने अपने जीवि‍त होने की पुष्टि के दौरान मीडिया से कहा कि “मैं अभी जीवित हूं. हालांकि इजरायल के एक हमले में मुझे चोटें जरूर आई हैं, लेकिन मैं पूरी तरह से ठीक हो रहा हूं.

इजरायल की बढ़ी टेंशन

बता दें कि हाल ही मे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान पर एक हमले को अंजाम दिया था, जिसके बाद दावा किया गया था कि शमखानी मारे जा चुके हैं. शमखानी के जिंदा होने की खबर ने इजरायली खेमे में चिंता की लहर दौड़ा दी है. दरअसल, शमखानी ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख रणनीतिकार माने जाते हैं, ऐसे में इजरायल को डर है कि उनकी वापसी से तेहरान अपनी परमाणु नीति को अब और भी आक्रामक रूप से आगे बढ़ा सकता है. वहीं, अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने पहले ही कह दिया है कि ईरान परमाणु बम के बेहद करीब है और बस उसे सुप्रीम लीडर की अंतिम स्वीकृति का इंतजार है.

कौन हैं अली शमखानी?

बता दें कि शमखानी ईरान की राजनीति और सैन्य रणनीति के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. वो अयातुल्ला खामेनेई के विश्वस्त सलाहकार होने के साथ ही पूर्व में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं. इसके अलावा उनके पास ईरान के परमाणु कार्यक्रम की प्रमुख जिम्मेदारी है, जो वैश्विक निगाहों में है. उनका काम राष्ट्रपति और सुप्रीम लीडर के बीच रणनीतिक तालमेल बैठाना भी है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि ईरान की सैन्य और राजनीतिक नीतियां किस दिशा में जाएंगी.

क्या बढ़ेगा परमाणु टकराव?

शमखानी की वापसी इस बात का संकेत हो सकती है कि ईरान अब अपने परमाणु कार्यक्रम को और तेज़ी से आगे बढ़ाएगा, जिससे पश्चिम एशिया में पहले से चल रहा तनाव और गहरा हो सकता है. वहीं, जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में यदि ईरान ने परमाणु गतिविधियों को और बढ़ावा दिया, तो इजरायल की जवाबी कार्रवाई भी और कठोर हो सकती है.

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