ईरान पर ट्रंप के सैन्य हमले की नई धमकियों से भड़का तेहरान, हर संभावित आक्रमण का करारा जवाब देने की ली प्रतिज्ञा

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Iran Vs USA: ईरान को एक बार फिर से परमाणु हथियार जुटाने की कोशिश करने पर अमेरिका द्वारा सैन्य हमले की नई धमकियां मिल रही है, जिससे तेरहान भड़क उठा है. ट्रंप के बयान पर इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह सैय्यद अली खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार ने देश के खिलाफ अमेरिका की सैन्य हमले की नई धमकियों की कड़ी निंदा करते हुए किसी भी संभावित आक्रमण का करारा जवाब देने की प्रतिज्ञा की है.

ट्रंप के बयान पर ईरान ने दी सख्त चेतावनी

दरअसल, ट्रंप द्वारा ईरान पर हमले की नई सैन्य धमकियों के जवाब में एडमिरल अली शामखानी ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्‍ट में कहा कि ईरान की रक्षा नीति के तहत, धमकियों के प्रकट होने से पहले ही उसके जवाब की योजना बनाई जाती है. साथ ही उन्‍होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश की मिसाइल और रक्षा क्षमताएं नियंत्रित या अनुमति-आधारित नहीं हैं. इस दौरान शामखानी ने चेतावनी दी कि ईरान के खिलाफ कोई भी आक्रमण उसके योजनाकारों की कल्पना से परे तत्काल कठोर जवाब का सामना करेगा.

ईरान पर ट्रंप का नया बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ एक बैठक के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि यदि तेहरान अपने बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम जारी रखता है तो वह इजरायल द्वारा ईरान पर हमले का समर्थन करेंगे. साथ ही ये भी कहा कि “अब मैं सुन रहा हूं कि ईरान फिर से निर्माण करने की कोशिश कर रहा है, और अगर ऐसा है, तो हमें उन्हें गिराना होगा. “हम उन्हें गिरा देंगे. हम उन्हें नर्क की तरह गिरा देंगे…लेकिन उम्मीद है कि ऐसा नहीं हो रहा.” अगर हमने ईरान को नहीं हराया होता, तो मध्य पूर्व में शांति नहीं होती.”

अमेरिका ने किया था ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला

बता दें कि पिछले जून में  ट्रंप ने तेहरान के साथ शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत जारी होने के बाद भी इजरायल द्वारा ईरान के खिलाफ आक्रमण का सीधा समर्थन किया था. इसके अलावा, अमेरिका ने भी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सुरक्षा समझौते के तहत संरक्षित ईरान के परमाणु स्थलों पर अवैध हमले किए थे. इस दौरान अमेरिका ने ईरान के तीनों प्रमुख गुप्त परमाणु ठिकानों को हवाई हमले में नष्ट करने का दावा किया था. ऐसे में ट्रंप ने अब नए हमले की चेतावनी दी है.

हालांकि अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने ये भी कहा है कि अमेरिका दोबारा ईरान पर हमला नहीं चाहता, इसमें 37 घंटे लगते हैं, लेकिन ईरान दोबारा परमाणु हथियार जुटाने की कोशिश करेगा तो वह इजरायल द्वारा तेहरान पर हमले का समर्थन करेंगे.

भय फैलाना चाहता है अमेरिका: ईरान

वहीं, इस्लामी क्रांति गार्ड्स कोर (आईआरजीसी) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि दुश्मन (अमेरिका और इजरायल) संज्ञानात्मक युद्ध, मनोवैज्ञानिक ऑपरेशनों, झूठी कथाओं, भय फैलाने और उनके प्रति समर्पण को प्रोत्साहित करके ईरानी समाज में फूट के बीज बोने की कोशिश कर रहे हैं.

बता दें कि आईआरजीसी ने जून में इजरायल-अमेरिका के ईरान के खिलाफ 12-दिवसीय आक्रमण युद्ध को हाइब्रिड खतरे का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया, जिसमें सैन्य टकराव से कहीं अधिक व्यापक सुरक्षा, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक आयाम थे. ईरानी सशस्त्र बलों ने अपनी तैयारी दोहराते हुआ कहा, किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्य का दृढ़ जवाब देंगे. ईरानी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने चेतावनी दी कि देश के खिलाफ कोई भी शत्रुतापूर्ण कार्य हुआ तो इससे कहीं अधिक कठोर, अधिक करारा और अधिक हानिकारक जवाब का सामना करेगा.

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