Israel-Iran War: ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर इजरायल के हमला करने के बाद पश्चिम एशिया के दो कट्टर विरोधियों के बीच एक व्यापक युद्ध की आशंका तेज हो गई है. इस दौरान मीडिल ईस्ट से लेकर वेस्ट एशिया तक फिलहाल अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में मीडिल ईस्ट में काफी बड़ी हलचल देखने को मिल रही है. दरअसल छह देशों के एयरस्पेस बंद कर दिए गए हैं, जिसमें इजरायल, ईरान के साथ ही इराक, जॉर्डन, लेबनान और सीरिया में एयरस्पेस भी शामिल है.
इन छह देशों द्वारा हवाई आवगमन बंद करना यह साफ संकेत दे रहा है कि मीडिल ईस्ट में किस तरीके की हलचल बढ़ चुकी है. वहीं ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच जॉर्डन ने किसी भी खतरे का सामना करने के लिए अपने सशस्त्र बलों को अलर्ट पर रखा है.
घटनाक्रम पर जॉर्डन की नजर
दरअसल, जॉर्डन के एक अधिकारी ने कहा है कि सभी इकाइयां उच्चतम स्तर की तत्परता पर हैं और वे घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. वहीं, जॉर्डन के संचार राज्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद अल-मोमानी ने कहा है कि देश अपने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन नहीं होने देगा और यह किसी भी संघर्ष के लिए युद्ध का मैदान नहीं बनेगा.
ईरान के खिलाफ 200 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल
वहीं, इजरायली सेना ने कहा है कि उसने ईरान के खिलाफ “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” को अंजाम देने के लिए 200 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया. ईरान में 100 से अधिक ठिकानों पर हमला किया गया है.
आईडीएफ प्रवक्ता एफी डेफ्रिन के मुताबिक, इजरायल के हमले “एक सटीक और समन्वित ऑपरेशन का हिस्सा थे और उसके पायलट “ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में सैन्य लक्ष्यों और परमाणु कार्यक्रम के लक्ष्यों पर अभी भी हमला कर रहे हैं. बता दें कि इजरायल का मकसद ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना है और इसके लिए उसने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ की शुरुआत की गई है.
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