Jerusalem: इजरायल से दक्षिणी लेबनान को अब राहत मिल सकती है. साथ ही अपनी संप्रभुता को पुनः प्राप्त करने और अपने राज्य संस्थानों के अधिकार को बहाल करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिलेगा. दरअसल, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा है कि यदि हिजबुल्लाह को निरस्त्र कर दिया जाता है तो इजरायल दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना वापस बुला सकता है.
यह कदम एक महत्वपूर्ण निर्णय है- PM कार्यालय
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में इस महीने की शुरुआत में लेबनान सरकार द्वारा 2025 के अंत तक हथियारों को राज्य के नियंत्रण में लाने के निर्णय की सराहना की. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यालय ने कहा कि यह कदम एक महत्वपूर्ण निर्णय है. यदि लेबनानी सेना निरस्त्रीकरण प्रक्रिया को लागू करती है तो इजरायल भी पारस्परिक उपाय करने पर विचार करेगा. जिसमें अमेरिका के नेतृत्व वाले सुरक्षा तंत्र के साथ समन्वय करके दक्षिण में अपनी सैन्य उपस्थिति को चरणबद्ध तरीके से कम करना शामिल है.
इजरायल और लेबनान दोनों सहयोग की भावना से आगे बढ़ें
बयान में कहा गया कि अब समय आ गया है इजरायल और लेबनान दोनों सहयोग की भावना से आगे बढ़ें. हिज्बुल्लाह को निरस्त्र करने तथा दोनों देशों में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के साझा उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करें. यह बयान अमेरिकी दूत टॉम बैरक द्वारा इजरायल में नेतन्याहू से मुलाकात के एक दिन बाद आया है. जो बेरूत से हिज्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण के लिए आगे बढ़ने का आग्रह कर रहे हैं. हालांकि हिज्बुल्लाह नेताओं ने अपने हथियार छोड़ने से इनकार कर दिया. साथ ही राष्ट्रीय रक्षा के बजाय राजनीतिक अस्तित्व को प्राथमिकता देने के लिए लेबनानी नेताओं की आलोचना की थी.
इजरायली ड्रोन हमले में मारा गया हिज्बुल्लाह का सदस्य
उन्होंने कहा था कि समूह के हथियारों पर बहस करने से पहले उन्हें पहले इजरायल को हटाना चाहिए. इसके अलावा सोमवार को लेबनान में इजराइल द्वारा ड्रोन हमले जारी रहे. देश के जन स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने बयान में कहा कि इजरायली दुश्मन के ड्रोन हमले ने बिंत जेबिल जिले में ऐन अल-मजराब-तेबनीने सड़क पर एक रैपिड-प्रकार के वाहन को निशाना बनाया. जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. यह भी बताया गया है कि इजरायली ड्रोन हमले में मारा गया व्यक्ति हिज्बुल्लाह का सदस्य था.
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