दलाई लामा के जन्‍मदिन समारोह में शामिल हुए किरेन रिजिजू, उत्तराधिकारी को लेकर कही ऐसी बात, चीन को लगी मिर्ची  

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Kiren Rijiju Dalai Lama Birthday: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू शनिवार को (5 जून) को तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के जन्‍मदिन समारोह में शामिल हुए. बता दें कि हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 14वें दलाई लामा के जन्मदिन समारोह का आयोजन किया गया है. बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक, दलाई नामा का जन्‍मदिन 6 जून को मनाया जाता है.

चीन ने भारत को दिया था नसीहत

वहीं, केंद्रिय मंत्री किरेन रिजिजू के इस यात्रा से पहले ही चीन ने भारत को तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर सावधानी बरतने की नसीहत दी थी.उसने कहा है कि इससे भारत और चीन के संबंधों को बेहतर करने की कोशिशों पर प्रभाव पड़ सकता है. दरअसल, हाल ही में दलाई लामा ने अपने उत्‍तराधिकारी की योजना को लेकर खुलासा किया था.

भारत-चीन का वार पलटवार

बता दें कि चीन का ये बयान उस वक्‍त सामने आया जब किरेन रिजिजू ने कहा कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी वही तय करेंगे, जैसा वह चाहें. दरअसल, रिजिजू का यह बयान चीन के उस बयान का जवाब माना जा रहा है, जिसमें उसने कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन बीजिंग की स्वीकृति से होना चाहिए.

विदेश मंत्रालय साफ किया रुख

भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को ही यह स्‍पष्‍ट कर दिया था कि भारत सरकार का दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया पर कोई आधिकारिक रुख नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि “हमने दलाई लामा के बयान की रिपोर्ट देखी है, जिसमें उन्होंने दलाई लामा की संस्था के जारी रहने की बात कही है.

उन्‍होंने आगे कहा कि भारत सरकार धार्मिक विश्वास और आस्था से जुड़ी प्रक्रियाओं पर कोई टिप्पणी नहीं करती. भारत में सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान किया गया है और हम भविष्य में भी इसी सिद्धांत पर कायम रहेंगे.”

दलाई लामा ने उत्‍तराधिकारी को लेकर कही ये बात

बता दें कि हाल ही में दलाई लामा ने कहा था कि उनका उत्तराधिकारी भारत में स्थापित गदेन फोद्रांग ट्रस्ट द्वारा चुना जाएगा, जिसे उन्होंने खुद बनाया है. इस दौरान उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया था कि किसी अन्य संस्था या देश को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. ऐसे में दलाई लामा का यह बयान चीन के लिए सीधा संदेश माना जा रहा है, क्योंकि चीन लगातार यह दावा करता रहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चुनाव बीजिंग की स्वीकृति से होना चाहिए.

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