Mirage 2000 : एयर टू एयर मिसाइल (BVRAAM) को शामिल करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार यह फैसला विदेशी अगली पीढ़ी की मिसाइलों के आने तक वायुसेना की क्षमतागत कमी को पाटने में अहम भूमिका निभा सकता है.
बता दें कि भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 विमान MICA IR और MICA RF मिसाइलों पर निर्भर हैं, इसके साथ ही इसकी प्रभावी मारक दूरी लगभग 80 किलोमीटर बताई जाती है. सूत्रों के अनुसार, यह रेंज अब क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों की तुलना में कम मानी जा रही है, इसकी वजह से वायु युद्ध क्षमता पर असर पड़ सकता है.
ऑपरेशनल क्लीयरेंस मिलने में परीक्षण
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय रक्षा कंपनी MBDA अगली पीढ़ी की MICA NG (New Generation) मिसाइल पर काम कर रही है, जिसकी अनुमानित रेंज 150 से 160 किलोमीटर तक होगी. बता दें कि यह मिसाइल भारत के अपग्रेडेड Mirage 2000 5 विमानों के साथ संगत होने की पुष्टि कर चुकी है और इसके साथ ही पूरी तरह ऑपरेशनल क्लीयरेंस मिलने में परीक्षण और एकीकरण प्रक्रिया के चलते 3 से 4 साल अतिरिक्त लग सकते हैं.
विमानों में लगाया वेदर सिंथेटिक अपर्चर रडार
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय वायुसेना के अपग्रेडेड मिराज 2000 विमानों में Thales RDY 2 ऑल वेदर सिंथेटिक अपर्चर रडार लगाया गया है. यह रडार 5 वर्ग मीटर रडार क्रॉस सेक्शन वाले फाइटर टारगेट को 120 से 140 किलोमीटर की दूरी से ट्रैक करने में सक्षम है. जानकारी के मुताबिक, इससे RDY 2 रडार और Astra मिसाइल के बीच सटीक डेटा लिंक स्थापित किया जा सकेगा, ताकि मिसाइल की फायर एंड फॉरगेट क्षमता और गाइडेंस पूरी तरह प्रभावी रहे.
मिराज 2000 बेड़े की मारक दूरी और घातक क्षमता
इसके साथ ही MICA NG के पूरी तरह तैयार होने में जहां 2030 के शुरुआती वर्षों तक का इंतजार हो सकता है, वहीं Astra Mk 1 एक समयबद्ध, किफायती के साथ स्वदेशी अंतरिम समाधान के रूप में सामने आ रही है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, RDY 2 रडार की मजबूत डिटेक्शन क्षमता के साथ Astra Mk 1 की तैनाती मिराज 2000 बेड़े की मारक दूरी और घातक क्षमता को जल्दी बढ़ा सकती है.
आत्मनिर्भर भारत पहल को देगा मजबूती
इस दौरान Astra Mk 1 को मिराज 2000 में शामिल करने का फैसला आत्मनिर्भर भारत पहल को मजबूती देगा. इससे स्वदेशी मिसाइल प्रणाली का व्यापक उपयोग होगा और साथ ही विदेशी अपग्रेड्स पर निर्भरता भी कम होगी. यह मिराज 2000 विमानों को भविष्य के चुनौतीपूर्ण हवाई युद्ध परिदृश्यों में प्रासंगिक बनाए रखने में मदद करेगा.
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