Nepal Monarchy Protest: नेपाल में इस समय लोकतंत्र बनाम राजशाही का दंगल छिड़ा है. ऐसे में राजशाही समर्थकों ने सरकार के खिलाफ विद्रोह का ऐलान किया है, साथ ही राजशाही की वापसी के लिए बड़ा प्रदर्शन भी कर रहे है, जिन्हें रोकने के लिए नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार समर्थक तलवार लेकर सड़कों पर उतरे है. नेपाल की इस स्थिति को देखते हुए अब ये सवाल उठ रहे है कि क्या नेपाल में फिर से राजशाही शुरू होगी, क्या नेपाल के लोगों का लोकतंत्र मोह भंग हो चुका है.
दरअसल, नेपाल में बड़ी संख्या में राजा के समर्थक सड़कों पर उतरें है, जो केपी ओली सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं. इस दौरान हमरो राजा, हमरो देश, नारायणहिती खाली करो जैसे नारे लगाए जा रहे है.
हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे लोग
बता दें कि नेपाल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर काठमांडू-4 में हजारों की संख्या में राजतंत्र समर्थक सड़कों के पर उत्तरे. काठमांडू के रत्नपार्क में आयोजित इस रैली और प्रदर्शन में हजारो लोगों ने भाग लिया, जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के अध्यक्ष राजेन्द्र लिंगदेन ने किया. आरपीपी के प्रवक्ता ज्ञानेन्द्र शाही ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक नेपाल में राजतंत्र न और हिंदू राष्ट्र की स्थापना नहीं हो जाती.
गणतंत्र की रक्षा के लिए नेपाल सरकार प्रतिबद्ध
नेपाल में हो रहे इस प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई थी. वहीं, नेपाल के गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि आज भी जनसत्ता को एक विशेष वंश में केंद्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार लोकतंत्र और गणतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
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