Harvard University: अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्रों को एक मौका अभी मिल सकता है. लेकिन इसके लिए छात्रों को अब लिट्मस टेस्ट से गुजरना होगा. अब अमेरिका के संघीय अधिकारी उसके छात्र के सोशल मीडिया खातों की पहले जांच करेंगे. नए आदेश में कहा गया है कि अब हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ने, काम करने या आने की योजना बना रहे वीजा आवेदकों के सोशल मीडिया खातों की जांच की जाएगी. इस कदम का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कहीं आवेदक की सोच यहूदी विरोधी तो नहीं है. जिनकी सोच ऐसी होगी उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा.
यूएस ने क्यों रोका हार्वर्ड में प्रवेश?
अमेरिका ने यहूदी विरोधी सोच वाले छात्रों को रोकने के लिए नया फरमान जारी किया है. विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा हस्ताक्षरित एक गोपनीय पत्र में यूनिवर्सिटी परिसर में हिंसा और यहूदी विरोधी गतिविधियों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है. यह पत्र शुक्रवार को अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को भेजा गया है. पत्र के मुताबिक, यह जांच एक प्रायोगिक व्यवस्था के तौर पर तुरंत प्रभाव से लागू की गई है, जिसे भविष्य में और व्यापक बनाया जा सकता है.
ऐसे छात्रों को नहीं मिलेगा हार्वर्ड में एडमिशन
जिन छात्रों का अतीत या वर्तमान यहूदी विरोधी रही है, उनको हार्वर्ड में एडमिशन नहीं मिलेगा. अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में गत कुछ महीनों में यहूदी विरोधी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी देखी गई है. अमेरिकी प्रशासन का आरोप है कि यूनिवर्सिटी ऐसी गतिविधियों को रोक नहीं पाई. इसलिए अब ऐसा नियम लाना पड़ा है, जिसका उद्देश्य उन आवेदकों की पहचान करना है जिनका अतीत संबंधित अपराधों से जुड़ा हुआ है और इस आधार पर उनकी वीजा पात्रता पर विचार किया जा सके.
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