Nigeria Protest: नाइजीरिया में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ा भारी, 29 बच्चों को हो सकती है सजा-ए-मौत

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Nigeria Protest: नाइजीरिया में बेतहाशा बढ़ती महंगाई के लोगों के लिए काफी बड़ी समस्‍या बन गई है, जिसके खिलाफ वहां के लोग प्रदर्शन कर रहे है. इसी बीच एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां मंहगाई के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए 29 नाबालिग किशोरों को शुक्रवार (1 नवंबर 2024) को आरोपी बनाया गया, इतना ही नहीं, इस मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें मौत की सजा दी जाने की भी बात कहीं गई है.

राजद्रोह समेत लगाए गए ये आरोप

रिपोर्ट के अनुसार, आरोप पत्र में नाइजीरिया में बेतहाशा बढ़ती महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कुल 76 प्रदर्शनकारियों पर 10 संगीन आरोप लगाए गए, जिनमें राजद्रोह, संपत्ति को नष्ट करना, उपद्रव मचाना और विद्रोह करना आदि भी शामिल है. वहीं, नाबालिको को लेकर कोर्ट अपना फैसला सुनाती उससे पहले ही उनमें से चार बच्‍चें थकावट के कारण बेहोश होकर गिर गए. वहीं, इन नाबालिगों की उम्र 14 से 17 वर्ष के बीच बताई गई है.

20 लोगों की गोली मारकर हत्‍या

बता दें कि नाइजीरिया में महंगाई को लेकर हाल के महीनों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं. इसी बीच हाल ही में हुए युवाओं के लिए बेहतर अवसरों और नौकरियों की मांग को लेकर प्रदर्शन में करीब 20 लोगों को गोली मार दी गई थी, जिससे उनकी मौत हो गई. जबकि सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था.

नाबालिगों को हाई कोर्ट में पेश करना ही गलत’

दरअसल, नाइजीरिया में मृत्युदंड की सजा 1970 के दशक में शुरू हुई थी, लेकिन 2016 के बाद से देश में किसी को भी मौत की सजा नहीं दी गई. इसी बीच एक वकील ने कहा कि बाल अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी नाबालिग के खिलाफ अपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती और न ही उसे मौत की सजा दी जा सकती है. इसलिए नाबालिगों को संघीय हाई कोर्ट के समक्ष पेश करना ही गलत है.

90 दिनों से बिना भोजन के हिरासत में बच्चे

वहीं, प्रदर्शन में शामिल कुछ किशोरों की पैरवी करने वाले वकील मार्शल अबूबकर ने बताया कि कोर्ट ने अंततः प्रत्येक प्रतिवादी को जमानत दे दी, लेकिन उन पर कठोर शर्तें लगाई हैं. उन्‍होंने कहा कि यह एक ऐसा देश है, जिसका कर्तव्य अपने बच्चों को शिक्षित करना है, वह इन बच्चों को दंडित करने का फैसला करेगा. बता दें कि ये बच्चे 90 दिनों से बिना भोजन के हिरासत में हैं.

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