Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया था. बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा चलाई गई यह सटीक कार्रवाई कुछ ही घंटों में प्रभाव दिखाने लगी. ऐसे में इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी नियंत्रण रेखा (LoC) के आसपास अंधाधुंध गोलाबारी शुरू कर दी थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों देशों के इस झड़प के बीच पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के उरी क्षेत्र में स्थित उरी जलविद्युत परियोजना को ड्रोन से निशाना बनाने की कोशिश की थी.
जानकारी के मुताबिक, उरी जलविद्युत परियोजना LoC से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इस दौरान पाकिस्तान ने सबसे पहला निशाना इसे ही बनाना चाहा. बता दें कि भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान की इस कोशिश को बुरी तरह नाकाम किया.
CISF जवानों की वीरता
बता दें कि आपॅरेशन सिंदूर के दौरान दिन-रात हालात अत्यधिक तनावपूर्ण थे. ऐसे में ड्रोन हमले और गोलीबारी के बीच उरी परियोजना के आसपास रहने वाले लोग दहशत बनी हुई थी. कई लोग अपने घरों में फंसे हुए थे, प्राप्त जानकारी के अनुसार CISF के जवानों ने जोखिम उठाकर घर-घर जाकर महिलाओं, बच्चों और NHPC कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया. इसके साथ ही हथियारों और शस्त्रागार को भी सुरक्षित कर लिया ताकि किसी भी तरह की क्षति न हो और जवानों ने दुश्मनों के ड्रोन को भी मार गिराया.
19 CISF कर्मियों को किया गया सम्मानित
इसके साथ ही 6 मई की उस ऐतिहासिक रात को अद्भुत साहस दिखाने वाले 19 CISF कर्मियों को नई दिल्ली स्थित CISF मुख्यालय में आयोजित समारोह में महानिदेशक (DG) Disc से सम्मानित किया गया. अनुसार हमले के दौरान राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा और नागरिकों की जान बचाने में इन जवानों की भूमिका असाधारण रही. इससे यह साबित होता है कि कठिन परिस्थितियों में भी भारतीय बलों की तैयारियां, अनुशासन और निर्णय क्षमता किसी भी चुनौती का प्रभावी जवाब देने में सक्षम है.
पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को किया नाकाम
ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उरी क्षेत्र में तैनात अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान की पहली जवाबी कार्रवाई का लक्ष्य जलविद्युत परियोजना थी, लेकिन हमारे भारतीय सेना और CISF जवानों ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी. इंटेलिजेंस नेटवर्क मजबूत था और जैसे ही पाकिस्तानी गोलीबारी बढ़ी, जवानों ने तेजी से काउंटर एक्शन लिया. इस मामले को लेकर अधिकारी ने ये भी बताया कि यदि उस रात ड्रोन हमले को समय पर निष्क्रिय नहीं किया जाता तो बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता था, लेकिन हमारे जवानों के साहस और हिम्मत ने उनके नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया.
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