पाकिस्‍तान को भारत ही नहीं, इजरायल से भी सता रहा हमले का डर, सुरक्षा की भीख मांगने पहुंचा सऊदी अरब

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan-Saudi Arabia Relations: भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर में बुरी तरह पिटे पाकिस्तान को अब भी हमले का डर सता रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्‍तान द्वारा छोड़े गए चीनी  और तुर्की हथियारों को भी मार गिराया. ऐसे में अब वो अपनी सुरक्षा के लिए भीख मांगने सऊदी अरब पहुंचा है. इस दौरान पाकिस्‍तान और सऊदी के बीच एक रक्षा समझौते पर हस्‍ताक्षर भी हुए है.

क्‍या है दोनों देशों के बीच हुआ समझौता

पाकिस्तान और सऊदी के बीच बुधवार को हस्‍ताक्षर हुए रक्षा समझौते के तहत किसी एक देश पर आक्रामकता को दोनों देशों पर हमला माना जाएगा. इसकी जानकारी मीडिया रिपोर्टों में दी गई है.

दोनों देशों के बीच यह रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की रियाद यात्रा के दौरान किया गया. मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि इस समझौते के तहत किसी एक देश पर किया गया हमला, दोनों देशों पर हमला माना जाएगा.

पाक और सऊदी ने जारी किया संयुक्‍त बयान

वहीं, इस समझौते के बाद दोनों देशों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि  “करीब आठ दशकों से चली आ रही भाईचारे, इस्लामी एकता और साझा रणनीतिक हितों पर आधारित साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए दोनों पक्षों ने रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए है. यह समझौता द्विपक्षीय सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने और क्षेत्रीय व वैश्विक शांति में योगदान देने की संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

भारत के साथ इजरायल से भी हमले का खतरा

बता दें कि पाकिस्तान को केवल भारत से ही नहीं, इजरायल से भी हमले का डर सता रहा है.  ऐसे में उसने इस्लामिक भाईचारा की दुहाई देकर सऊदी अरब के साथ यह डील की है, जिससे उसके ऊपर हमला होने पर सऊदी अरब उसकी मदद कर सके. दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते का उद्देश्य रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना और किसी भी आक्रामकता के खिलाफ संयुक्त प्रतिरोध को सुदृढ़ करना है. सबसे खास बात ये है कि इस समझौते में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि एक देश पर हमला होता है, तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा.”

खाड़ी देशों में सहयोग बढ़ाने पर जोर

दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर में चीन और तुर्की के हथियारों के तहस नहस होने के बाद अब पाकिस्तान खाड़ी देशों में अपने संबंधों को मजबूत करने में जुटा है, जिससे यदि फिर कभी हमला हो तो ये देश उसकी तबाही को बचाने में मदद कर सकें.

बता दें कि पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री शरीफ़ की एक सप्ताह में यह खाड़ी क्षेत्र में यह तीसरी यात्रा है.  इससे पहले वह 2 बार कतर गए, जहां उन्होंने हमास नेतृत्व पर इज़रायल के हमले के बाद दोहा के प्रति एकजुटता व्यक्त की और इस मुद्दे पर अरब-इस्लामी देशों की आपात बैठक में  हिस्‍सा लिया था.

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