Russia के शहरों को आंख उठाकर देखा भी तो…ट्रंप के बयान पर भड़के रूसी राष्‍ट्रपति, अमेरिका-NATO को दी ये चेतावनी

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Russia-America Relations: रूस और यूक्रेन के बीच की जंग छिडे काफी समय हो गया है, लेकिन अभी भी रूस की ओर से लागातर यूक्रेन पर हमले किए जा रहे है, जिसका यूक्रेन भी भरपूर जवाब दे रहा है. वहीं, अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान ही कहा था कि वो राष्‍ट्रपति‍ बनते ही इस जंग को समाप्‍त करवा देंगे, लेकिन अभी तक वो अपने कोशिशों में सफल नहीं हुए है. हालांकि इसके लिए ट्रंप दोनों देशों के नेताओं से कई बार बात भी कर चुके है. इसी बीच जेलेंस्‍की और ट्रंप के बीच तीखी बहस भी हो गई थी.

इस दौरान यूक्रेन के राष्‍ट्रपति जेलेंस्की ने ट्रंप से स्‍पष्‍ट रूप से कहा था कि वो पीछे हटने वाले नहीं है. साथ ही जेलेस्की ये संदेश देने में भी सफल रहे कि आपके ही दम पर हमने ये जंग लड़ी और फिर अब आप पीछे हटने को तैयार हैं. ऐसे में अमेरिका की मजबूरी है कि वो यूक्रेन का साथ दे. लेकिन अमेरिका जिस तरह से रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच बयानबाजी कर रहा है. उसके बाद रूस भड़का हुआ है. ऐसे में रूस से स्‍पष्‍ट रूप से कहा है कि य‍दि आंख उठाकर उसके प्रमुख शहरों की तरफ देखा गया तो फिर भीषण अंजाम भुगतना होगा.

रूस ने नाटो को दी सख्‍त चेतावनी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी  और रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पत्रुशेव ने नाटो देशों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उसके रणनीतिक रूप से अहम कालिनिग्राद क्षेत्र पर कोई भी हमला हुआ तो इसका अंजाम बेहद ही विस्फोटक, विनाशकर होगा.  उन्‍होंने कहा कि कालिनिग्राद उसका प्रमुख हिस्सा है. ऐसे मेंयदि नाटो देश उसकी तरफ नजर उठाकर देंखेंगे या कोई भी कार्रवाई कालिनिग्राद पर हुई तो फिर सैन्य साधनों का इस्तेमाल हम करेंगे और ऐसा जवाब दिया जाएगा, जिसे दुनिया हमेशा याद रखेगी.

हर हाल में कलिनिनग्राद क्षेत्र की रक्षा करेगा रूस

बता दें कि रूस का कलिनिनग्राद क्षेत्र पिछले कुछ दिनों से पूरी दुनिया में चर्चा में है, जिसकी वजह अमेरिकी जनरल का बयान और उस पर रूस की तीखी प्रतिक्रिया है. ऐसे में रूस ने कहा है कि यदि अमेरिका या नाटो सेनाएं कलिनिनग्राद क्षेत्र पर हमला करती हैं, तो इससे तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो सकता है. रूस ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर कलिनिनग्राद क्षेत्र की रक्षा करेगा.

क्‍यों रूस के लिए कलिनिनग्राद है इतना महत्वपूर्ण?

बता दें कि कैलिनिनग्राद क्षेत्र पोलैंड और लिथुआनिया के बीच स्थित है, जिसपर रूस का नियंत्रण है. हालांकि, यह रूस की मुख्य भूमि से कटा हुआ है. ऐसे में  नाटो और पश्चिमी देशों को लगता है कि पुतिन इस क्षेत्र का इस्तेमाल यूरोप पर हमला करने के लिए कर सकते हैं. इस रणनीतिक क्षेत्र का इस्तेमाल करके, रूस सुवाल्की गैप पर भी कब्ज़ा कर सकता है.

करीब 60 मील चौड़ी यह दुर्गम भूमि पट्टी, बाकी नाटो देशों को बाल्टिक देशों से जोड़ती है. रूस से सैकड़ों किलोमीटर दूर, रूसी एक्सक्लेव कलिनिनग्राद ओब्लास्ट, पोलैंड और लिथुआनिया के बीच स्थित 15,100 वर्ग किलोमीटर का एक छोटा सा भू-भाग है. हालांकि द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद जर्मन शहर कोनिग्सबर्ग और उसके आसपास के क्षेत्र को सोवियत संघ को सौंप दिया गया था. वहीं, 1946 में इसका नाम बदलकर कलिनिनग्राद कर दिया गया.

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