SCO Summit 2025: चीन के किंगदाओ में 25 से 26 जून को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक होगी, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल बीजिंग पहुंच भी गए है, जहां उन्होंने रूस के विदेश मंत्री से मुलाकात भी की है. इस बैठक में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, चीन में इस बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वैश्विक शांति व सुरक्षा पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे. इसके साथ ही आतंकवाद को निर्मूल करने के लिए संयुक्त प्रयासों का आह्वान करेंगे. इसके अलावा, वो एससीओ देशों के बीच व्यापार, आर्थिक सहयोग और संपर्क को बढावा देने पर बल देंगे.
इस सिद्धांतों का पालन करता है कि SCO
बता दें कि भारत क्षेत्र में बहुपक्षवाद, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ावा देने में एससीओ को विशेष महत्व देता है. वहीं, एससीओ संप्रभुता, राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, आपसी सम्मान, समझ और सभी सदस्य देशों की समानता के सिद्धांतों के आधार पर अपनी नीति का पालन करता है.
अंतर-सरकारी संगठन
बता दें कि SCO का गठन साल 2001 में किया गया था, जो एक अंतर-सरकारी संगठन है. वहीं, साल 2017 में भारत इसका पूर्ण सदस्य बना और वर्ष 2023 में इसकी अध्यक्षता संभाली. एससीओ के सदस्यों में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं. चीन ने ‘शंघाई भावना की निरंतरता: गतिमान एससीओ’ थीम के अंतर्गत वर्ष 2025 के लिए एससीओ की अध्यक्षता संभाली है.