South Korea Election: दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा देश में मार्शल लॉ लगाने के फैसले के कई महीने बाद भी देश में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. ऐसे में अब सभी की निगाहे राष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हुई है. बता दें कि देश में बनने वाले नए राष्ट्रपति के सामने कई अहम चुनौतियां है, जिसमें वामपंथी और दक्षिणपंथी राजनीति के गहराते मतभेद, ट्रंप प्रशासन द्वारा टैरिफ लगाने का फैसला और उत्तर कोरिया की बढ़ती सैन्य ताकत से निपटना आदि शामिल है.
राष्ट्रपति पद के सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार ले जे म्युंग
दक्षिण कोरिया में होने वाले चुनाव में लिबरल पार्टी के 60 वर्षीय उम्मीदवार ली जे म्युंग और कंजर्वेटिव पार्टी उम्मीदवार किम मून सो के बीच कड़ी टक्कर है. वहीं, हाल ही में देश में किए गए सर्वे में ली जे म्युंग को राष्ट्रपति पद का सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार बताया जा रहा है.
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल ने पिछले साल जब देश में मार्शल लॉ लगाया तो उनका विरोध करने वालों में ली जे म्युंग सबसे अहम व्यक्ति थे. ली ने बताया कि उस वक्त जब उनकी पत्नी ने उन्हें मार्शल लॉ लगने की खबरों के बारे में बताया तो पहले उन्हें लगा कि ये डीपफेक वीडियो है, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि देश में सच में मार्शल लॉ लगाया जा रहा है तो उन्होंने तुरंत अपनी पार्टी के नेताओं को संसद भवन पहुंचने का निर्देश दिया, जिससे यून सुक योल को रोका जा सके.
यून को राष्ट्रपति पद से हटाने में म्युंग की अहम भूमिका
वहीं, महाभियोग के जरिए यून को राष्ट्रपति पद से हटाने में भी ली जे म्युंग की भूमिका रही. इसके अलावा, वो देश राष्ट्रपति चुनाव की रेस में तीसरी बार शामिल है. इसे पहले साल 2022 में भी वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके अलावा, वो दक्षिण कोरिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले प्रांत ग्योंगी के गवर्नर रह चुके हैं और साथ ही सियोंगनाम शहर के मेयर भी रह चुके हैं.
देश की अर्थव्यस्था को बेहतर करने का दावा
ली जे म्यूंग अपने तेजतर्रार भाषणों के लिए जाने जाते हैं. उनका कहना है कि वे देश की अर्थव्यस्था को बेहतर कर सकते हैं और उत्तर कोरिया के साथ शांति स्थापित कर सकते हैं. हालांकि उनके विरोधियों का कहना है कि वे एक खतरनाक जननेता हैं, जो देश में राजनीतिक फायदे के लिए बंटवारा भी करा सकते हैं. बता दें कि ली के खिलाफ पांच आपराधिक मामलों में ट्रायल चल रहा है. ऐसे में यदि वो राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो ये मामले बंद हो जाएंगे क्योंकि दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति को आपराधिक कार्रवाई से इम्युनिटी मिली होती है.
कौन है कंजर्वेटिव उम्मीदवार किम मून सो
वहीं, 73 वर्षीय कंजर्वेटिव उम्मीदवार किम मून सो पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल की पार्टी से हैं और वे यून की सरकार में श्रम मंत्री रहे थे. किम कंजर्वेटिव पीपल पावर पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मई में ही बनाए गए थे. हालांकि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने किम की जगह पूर्व पीएम डक सो को उम्मीदवार बनाने का समर्थन किया.
ढाई साल जेल में रह चुके है किम
किम चुनाव प्रचार के दौरान दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए बेहतर मिसाइल डिफेंस सिस्टम बनाने और अमेरिका के साथ रक्षा संबंधों को और बेहतर करने का वादा कर रहे हैं. बता दें कि किम पूर्व में वामपंथी विचारधारा के समर्थक थे और श्रम अधिकारों की मांग के लिए वे ढाई साल जेल में भी रहे. हालांकि साल 1994 में वे कंजर्वेटिव पार्टी के समर्थन बन गए. वह भी ग्योंगी के आठ साल तक गवर्नर रहे.
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