दो गतिशील और दूरदर्शी राष्ट्र के रूप में हम अर्थव्यवस्थाओं को बना रहें और भी मजबूत, यूएई ने की भारत की तारीफ

UAE : संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राजदूत अब्दुलनासिर अलशाली ने कहा कि भारतीय नागरिकों के लिए यूएई के वीजा ऑन अराइवल कार्यक्रम का विस्तार भारत के साथ इसकी स्थायी साझेदारी का प्रतिबिंब है. इस दौरान नई दिल्ली में यूएई के मिशन ने भारतीय नागरिकों के लिए विस्तारित वीजा ऑन अराइवल पॉलिसी के महत्व को रेखांकित किया है.

जानकारी के मुताबिक, वर्तमान समय में भारत यूएई की पर्यटन सफलता का आधार बन गया है. एक अनुमान के अनुसार करीब 45 लाख भारतीयों ने 2023 में यूएई की यात्रा की. ऐसे में  ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान और सिंगापुर से वैध निवास परमिट वाले यूएई के सभी प्रवेश बिंदुओं पर वीजा ऑन अराइवल प्राप्त करने के पात्र हैं.

परिवार के लिए फिर से जुड़ना व्‍यावहारिक कदम

बता दें कि 13 फरवरी से लागू की गई विस्तारित पात्रता भारत और यूएई के बीच यात्रा को व्यापक, सुखद और सरल बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस दौरान एक जारी बयान में, राजदूत अलशाली का कहना है कि यह एक व्यावहारिक कदम है जो परिवारों के लिए फिर से जुड़ना, पेशेवरों के लिए सहयोग करना और सीमाओं के पार व्यवसायों को बढ़ाना आसान बना देगा.’

अर्थव्यवस्थाओं के बीच मजबूत पुल बनाने का प्रयास  

जानकारी के मुताबिक, उनका कहना है कि ‘दो गतिशील और दूरदर्शी राष्ट्रों के रूप में,  हम अपने लोगों और अर्थव्यवस्थाओं के बीच और भी मजबूत पुल बनाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में भारत-यूएई सीईपीए परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, कनेक्टिविटी बढ़ाने, वीजा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और निवेश को बढ़ावा देने के समन्वित प्रयास यह सुनिश्चित करेंगे कि पर्यटन दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में वृद्धि का एक प्रमुख क्षेत्र बना रहे.

बता दें कि पिछले कुछ सालों के तहत वर्तमान समय में भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंध बढ़ रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी की अगस्त 2015 में यूएई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया.

आर्थिक साझेदारी समझौते पर किए गए हस्ताक्षर

इसके साथ ही साल 2022 में दोनों पक्षों की ओर से आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. उसके बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में बड़ा विस्तार हुआ. इस दौरान यूएई दूतावास का कहना है कि यूएई और भारत जैसे गहरे आर्थिक, सांस्कृतिक संबंधों वाले देशों के लिए गतिशीलता न केवल जरूरी है, बल्कि आपसी विश्वास का प्रतीक भी है.

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