UN Vesak Day: संयुक्त राष्ट्र के वेसाक दिवस 2025 के मौके पर शुक्रवार को भारत के सारनाथ से भगवान बुद्ध की पवित्र अवशेष वियतनाम पहुंचीं. इस पवित्र अवशेष को लेकर केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल वियतनाम पहुंचा. बता दें कि वेसाक दिवस बुद्ध के जन्म, ज्ञान और निर्वाण की याद में मनाया जाता है. इस दौरान एक धार्मिक समारोह हुआ, फिर एक भव्य जुलूस के साथ इसे थान ताम पगोडा ले जाया गया, जहां इसे आम जनता के दर्शन के लिए रखा गया है.
आईबीसी ने दी जानकारी
अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (आईबीसी) ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत से पवित्र बुद्ध अवशेष वियतनाम पहुंच गए हैं. इन्हें पहले वियतनाम बौद्ध यूनिवर्सिटी के बुद्ध हॉल में लाया गया और फिर भव्य जुलूस के साथ थान ताम पगोडा में सार्वजनिक दर्शन के लिए रखा गया है. वहीं, हो ची मिन्ह सिटी में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने भी इसकी पुष्टि की और इसे एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण बताया.
मंत्री रिजिजू का भावुक संदेश
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष लेकर वियतनाम जाना आत्मा को छू लेने वाला अनुभव है. यह यात्रा शांति, करुणा और एकता का प्रतीक है. बता दें कि महात्मा बुद्ध के ये अवशेष 2 मई से लेकर 21 मई 2025 तक वियतनाम के अलग-अलग शहरों में रखी जाएंगी. इस दौरान 30 लाख से ज़्यादा लोग इनके दर्शन करने पहुंच सकते हैं. इस यात्रा में आंध्र प्रदेश के पर्यटन मंत्री कंदुला दुर्गेश समेत कई अन्य अधिकारी भी मौजूद रहें.
कहां से आई है अवशेष?
बता दें कि महात्मा बुद्ध का पवित्र अवशेष सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार में विराजित है, जो आंध्र प्रदेश के नागार्जुनकोंडा से खुदाई में मिला था. माना जाता है कि यह अवशेष 246 ईस्वी से भी पहले का है.
एक बौद्ध-बहुल देश है वियतनाम
इसी बीच आईबीसी के महानिदेशक अभिजीत हलदर ने कहा कि वियतनाम एक बौद्ध-बहुल देश है और यहां बुद्ध के अवशेषों को भगवान बुद्ध का जीवंत रूप माना जाता है. भारत और वियतनाम में दूसरी-तीसरी शताब्दी के बौद्ध अवशेषों में ऐतिहासिक समानताएं हैं और एक विशेष प्रदर्शनी के ज़रिए इन साझा विरासतों को भी दिखाया जाएगा.
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