भारत-अमेरिका ने की सीमापार आतंकवाद की निंदा, पहलगाम और दिल्ली विस्फोट का भी जिक्र

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US-India Relations: भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ने शनिवार को नई दिल्ली में आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए भारत-यूएसए संयुक्त कार्य समूह (JWG) की 21वीं बैठक और 7वां पदनाम संवाद आयोजित किया.

भारत के विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आतंकवाद-निरोधक) डॉ. विनोद बहाडे और संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश विभाग में आतंकवाद निरोधक ब्यूरो की वरिष्ठ अधिकारी मोनिका जैकब्स ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.

द्विपक्षीय सहयोग के महत्व पर भी दिया गया जोर

बैठकों में आतंकवाद का मुकाबला करने में द्विपक्षीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया, जो भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की भावना और विस्तार को दर्शाता है. दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की. उन्होंने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और 10 नवंबर को नई दिल्ली के लाल किले के पास हुई जघन्य आतंकी घटना की कड़ी निंदा की.

इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. दोनों पक्षों ने आतंकवादी भर्ती, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे पारंपरिक और उभरते खतरों और चुनौतियों की एक विस्तृत श्रृंखला की समीक्षा की.

इस दौरान दोनों पक्षों ने प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और निरंतर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय प्रयासों के माध्यम से सूचना साझा करने सहित चुनौतियों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिभागियों ने कानून प्रवर्तन और न्यायिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की, जिसमें सूचना साझा करना और पारस्परिक कानूनी सहायता अनुरोधों पर सहयोग शामिल है.

दोनों पक्षों ने किया ये आह्वान

दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र 1267 प्रतिबंध व्यवस्था के तहत आईएसआईएस और अल-कायदा से जुड़े संगठनों और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और उनके प्रॉक्सी समूहों, समर्थकों, प्रायोजकों, वित्तपोषकों और समर्थकों को अतिरिक्त रूप से नामित करने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके सदस्यों को वैश्विक संपत्ति फ्रीज, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध का सामना करना पड़े.

दोनों पक्षों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में आतंकवाद-निरोध और पदनाम वार्ता पर संयुक्त कार्य समूह की अगली बैठक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर आयोजित करने का निर्णय लिया.

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