भारत में कॉपर की मांग में आया जबरदस्त उछाल, दर्ज हुई 13% की वृद्धि

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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अंतरराष्ट्रीय तांबा संघ-भारत ने सोमवार को कहा, बुनियादी ढांचे के विकास और भवन निर्माण की तीव्र गति से भारत की तांबे की मांग बीते वित्त वर्ष 2023-24 में सालाना आधार पर 13% बढ़कर 1,700 किलो टन हो गई. एक बयान में इंटरनेशनल कॉपर एसोसिएशन इंडिया ने कहा, परंपरागत रूप से भवन निर्माण और बुनियादी ढांचे में तांबे की मांग का 43% योगदान होता है, जबकि सकल घरेलू उत्पाद में 11% का योगदान होता है.

तांबे की मांग में साल-दर-साल देखी गई वृद्धि

इंटरनेशनल कॉपर एसोसिएशन इंडिया द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक, देश में तांबे की मांग में वित्त वर्ष 24 में साल-दर-साल 13% की वृद्धि देखी गई, जो 1,700 किलो टन (केटी) तक पहुंच गई. इस उछाल का श्रेय समग्र आर्थिक विस्तार को दिया जाता है. वहीं, उद्योग निकाय ने कहा कि कोविड महामारी के बाद, वित्त वर्ष 2011 और वित्त वर्ष 24 के बीच औसत वार्षिक तांबे की मांग में 21% की वृद्धि हुई. इसमें आगे कहा गया है कि देश में तेजी से बढ़ते बुनियादी ढांचे और भवन निर्माण क्षेत्रों के कारण अगले वित्तीय वर्ष में भी कमोडिटी की मांग बढ़ती रहेगी.

दोहरे अंकों में बढ़ी तांबे की मांग

नवीनतम GDP आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्रों में क्रमशः 9.1 प्रतिशत और 6.8% की वृद्धि हुई. “रुझान तांबे की मांग में मजबूत वृद्धि को दर्शाते हैं, जो भारत की जीडीपी वृद्धि प्रक्षेपवक्र के अनुरूप है. विकास को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निवेश, उच्च उपभोक्ता खर्च और भवन निर्माण, बुनियादी ढांचे, परिवहन, औद्योगिक और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति से बढ़ावा मिला है. इंटरनेशनल कॉपर एसोसिएशन इंडिया के प्रबंध निदेशक मयूर करमरकर ने कहा, तांबे की मांग दोहरे अंकों में बढ़ी है.

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