UN की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के दौरान 6 हफ्ते में 1400 लोगों की मौत!

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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UN Report: बांग्लादेश में पिछले साल छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा में मारे गए लोगों पर संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की है. यूएन ने दावा किया है कि पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन पर एक्‍शन के दौरान कम से कम 1400 लोग मारे गए. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बुधवार को अपनी आकलन रिपोर्ट में यह दावा किया है.

जिनेवा स्थित ऑफिस ने अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया कि सुरक्षा और खुफिया सेवाएं अधिकारों के उल्लंघन में “व्यवस्थित रूप से शामिल” रहीं जो मानवता के खिलाफ अपराध की तरह और इसकी आगे की जांच किए जाने की आवश्‍यकता है.

मारे गए लोगों में 13 प्रतिशत बच्चे

कई विश्वसनीय सोर्सेज का हवाला देते हुए, मानवाधिकार ऑफिस ने कहा कि पिछसे वर्ष एक जुलाई से 15 अगस्त के बीच विरोध प्रदर्शनों में 1,400 से अधिक लोग मारे गए होंगे. जबकि हजारों की संख्या लोग जख्‍मी हुए होंगे, इनमें से अधिकतर लोगों को बांग्लादेश के सुरक्षा बलों ने गोली मार दी थी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मारे जाने वालों में 12 से 13% लोग बच्चे थे. वहीं बांग्लादेश पुलिस का कहना है कि इसमें 44 अधिकारी भी मारे गए थे.

यूएन मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए राजनीतिक नेतृत्व और टॉप सुरक्षा अधिकारियों की जानकारी और समन्वय के साथ “न्यायिक हत्याएं, व्यापक मनमानी गिरफ्तारियां और हिरासत, तथा यातनाएं” भी दी गईं.

मुहम्मद यूनुस ने दिया था न्योता

यूएन की फैक्ट फाइंडिंग टीम को देश के अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस के न्यौते पर बांग्लादेश में बुलाया गया था, ताकि उस विद्रोह की जांच की जा सके, जिसके चलते लंबे समय तक देश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भारत आने के लिए मजबूर किया गया.

छात्रों का यह आंदोलन सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे यह आंदोलन अप्रत्याशित रूप से शेख हसीना और उनकी पार्टी के खिलाफ एक बड़े विद्रोह में तब्‍दील हो गया. पिछले वर्ष अगस्त की शुरुआत में स्थिति तेजी से बदली और शुरुआती हफ्ते में ही शेख हसीना ने पद से इस्‍तीफा दे दिया. इसके बाद ढाका छोड़ भारत आ गई.

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