भारतीय सेना ने अदम्य साहस का दिया परिचय, बोले संबित पात्रा- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हुआ राफेल का इस्तेमाल’

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा (Sambit Patra) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान, उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को गर्वपूर्ण क्षण बताया. पात्रा ने आगे कहा कि भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संबित पात्रा ने कहा, यह प्रेस कॉन्फ्रेंस गर्व से भरा पल है. यह कोई साधारण प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं है. मैं भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में बैठा हूं, मुझे लगता है कि मैं सिर्फ पार्टी प्रवक्ता या सांसद के तौर पर नहीं, बल्कि एक भारतीय के तौर पर बोल रहा हूं.

संबित पात्रा ने की भारतीय सेना की तारीफ

पिछले कुछ दिनों में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को खत्म किया है, जो एक निर्णायक संदेश देता है. यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का एक अहम हिस्सा है और इस मौके पर मुझे संबोधित करते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है. भारतीय सेना की तारीफ करते हुए संबित पात्रा ने कहा, भारत की सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया है. आज भाजपा और हम सभी कार्यकर्ता व पूरा भारत धन्यवाद करता है, भारत की सेना का, भारत की नेवी का, भारत की एयरफोर्स का और उन तमाम जांबाज सेनानियों का जिनके कारण ऑपरेशन सिंदूर सफल हुआ है.

जो बदला हमने लिया वो आतंकवादियों की सोच से परे था

उन्होंने आगे कहा, 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकियों ने 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी. तब पीएम मोदी ने वादा किया था कि आतंकवाद के खिलाफ हमला होगा, हम पहलगाम के इस आतंकवादी हमले का बदला लेंगे और ये जो बदला होगा, वो आतंकवादियों की कल्पना से बाहर का बदला होगा और जो बदला हमने लिया वो आतंकवादियों की सोच से परे था. पात्रा ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से सीधे बात की. चर्चा इस बात पर केंद्रित रही कि पाकिस्तान को कैसे अलग-थलग किया जाए? आतंकवाद के खिलाफ कैसे लड़ा जाए? और सबसे महत्वपूर्ण बात, इन सभी देशों ने भारत के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया.
सऊदी अरब, यूएई, अमेरिका और विशेष रूप से सऊदी अरब और यूएई जैसे इस्लामी दुनिया के प्रमुख देशों ने भारत को अपना पूरा समर्थन दिया. पात्रा ने बताया, ’ऑपरेशन सिंदूर’ में सैन्य और गैर-सैन्य दोनों तरह की रणनीतियां शामिल हैं. गैर-सैन्य रणनीति के तहत, 1960 में स्थापित सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया गया. यह समझौता पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसकी 80% कृषि इस समझौते द्वारा नियंत्रित जल संसाधनों पर निर्भर है. जल प्रवाह को रोकने से पाकिस्तान के जीडीपी में एक-चौथाई की कमी आ सकती है. पानी और खून एक साथ नहीं बहेगा. उन्होंने आगे कहा, 50 वर्षों तक जो संभव नहीं हुआ था, वो इस बार संभव हुआ.
किसी भी युद्ध में सिंधु नदी के पानी को रोका नहीं गया था, ये असंभव काम इस बार संभव हुआ। अटारी वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया गया. दोनों देशों के बीच कोई ट्रेड नहीं होगा और इसका खामियाजा पाकिस्तान की इकोनॉमी भुगतेगी. पात्रा ने आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में बताते हुए कहा, हमले के दौरान कुल नौ ठिकानों को नष्ट कर दिया गया, जिनमें पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओके) में और चार पाकिस्तान में स्थित थे. पहली बार भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हमला किया, जिसे देश का दिल माना जाता है, जिसमें आतंकवादियों और उनके शिविरों को प्रभावी ढंग से खत्म किया गया। यह ऑपरेशन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि इसने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया.

’ऑपरेशन सिंदूर’ में मारा गया लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी

उन्होंने कहा, ’ऑपरेशन सिंदूर’ में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी मुजस्सर उर्फ अबू जिंदाल मारा गया. इसके जनाजे में पाकिस्तान के आर्मी चीफ और आर्मी अधिकारी, पंजाब सीएम मरियम नवाज शामिल हुईं. इससे साबित होता है कि आतंकवाद और आतंक को बढ़ावा देने वाले एक साथ काम करते हैं. दूसरा जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी यूसुफ अजहर व हाफिज मुहम्मद जमील मारा गया. ऑपरेशन सिंदूर 100 प्रतिशत सफल रहा और जितने हमारे जांबाज पायलट राफेल के साथ गए थे, उतने लौटकर आए और आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करके आए, लेकिन किसी नागरिक व मिलिट्री बेस को नहीं मारा. भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, नियंत्रण रेखा से 9 किलोमीटर दूर स्थित बरनाला कैंप (बीरबगड़) पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया. नियंत्रण रेखा से 13 किलोमीटर दूर अब्बास कैंप (कोटली) और एक समय में 15 आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने में सक्षम लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र भी नष्ट कर दिया गया. अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के चार जवानों की शहादत के लिए जिम्मेदार सरजाल कैंप (सियालकोट) को भी तबाह कर दिया गया.
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