सांख्यिकी मंत्रालय (Ministry of Statistics) से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य कीमतों में कमी आने से घरेलू बजट को राहत मिली है, जिससे भारत की खुदरा मुद्रास्फीति इस वर्ष अप्रैल में घटकर 3.16% पर आ गई, जो इससे पहले मार्च में 3.34% थी. खाद्य मुद्रास्फीति उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) बास्केट का करीब आधा हिस्सा है, जो अप्रैल में धीमी होकर 1.78% पर आ गई, जबकि मार्च में यह 2.69% थी.
यह लगातार तीसरा महीना है, जब मुद्रास्फीति RBI के 4% मध्यम अवधि के लक्ष्य से नीचे रही है और इससे केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनी नरम मौद्रिक नीति को जारी रखने में सक्षम होगा. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर इस वर्ष मार्च में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में घटकर 3.34% रह गई, जो अगस्त 2019 के बाद सबसे निचला स्तर था.
देश में खुदरा मुद्रास्फीति हाल के महीनों में घट रही है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को पहले के 4.2% से घटाकर 4% कर दिया है. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने हाल ही में मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण निर्णायक रूप से सकारात्मक हो गया है. आरबीआई गवर्नर ने बताया कि रबी फसलों को लेकर अनिश्चितताएं काफी कम हो गई हैं और दूसरे अग्रिम अनुमान पिछले साल की तुलना में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन और प्रमुख दालों के अधिक उत्पादन की ओर इशारा करते हैं.
उन्होंने कहा कि खरीफ की मजबूत आवक के साथ खाद्य मुद्रास्फीति में स्थायी नरमी आने की उम्मीद है. आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा, हमारे नवीनतम सर्वेक्षण में तीन महीने और एक साल के लिए मुद्रास्फीति की उम्मीदों में तेज गिरावट से मुद्रास्फीति की उम्मीदों को स्थिर रखने में भी मदद मिलेगी. इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण के लिए अच्छे संकेत हैं. हालांकि, वैश्विक बाजार की अनिश्चितताओं और प्रतिकूल मौसम संबंधी आपूर्ति व्यवधानों की चिंताएं मुद्रास्फीति के लिए जोखिम पैदा करती हैं.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए और सामान्य मानसून को मानते हुए, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.0% रहने का अनुमान है, जिसमें पहली तिमाही 3.6%, दूसरी तिमाही 3.9%, तीसरी तिमाही 3.8% और चौथी तिमाही 4.4% रहेगी.