Operation Sindoor: पहलगाम आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर ब्रिटिश राजनीतिक टिप्पणीकार और लेखक डेविड वेंस ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के झड़प में पाकिस्तान को सपोर्ट करने के लिए चीन की आलोचना की. साथ ही चीन पर विश्वास न करने की बात भी कही है.
ब्रिटिश लेखक ने बीजिंग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि चीन एशिया क्षेत्र में पाकिस्तान को प्रॉक्सी की तरह इस्तेमाल करता है. ऐसे में चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि यदि भारत को सही समर्थन दिया जाए तो एशिया क्षेत्र में वो चीन के खिलाफ पश्चिम के लिए एक मजबूत दीवार की तरह काम कर सकता है.
डोनाल्ड ट्रंप को समझनी होगी ये बात
डेविड वेंस ने कहा कि ‘चीन विश्वास के लायक नहीं है, क्योंकि वो पाकिस्तान को प्रॉक्सी की तरह इस्तेमाल करता है, इसलिए उसपर भरोसा नहीं किया जा सकता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह बात समझनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि डोनाल्ड ट्रंप को ये बात समझ में आ जाए कि यदि भारत को बेहतर सपोर्ट दिया गया तो भारत पश्चिम देशों के लिए चीन के खिलाफ एक मजबूत दीवार की तरह काम करेगा. पाकिस्तान के खिलाफ हम भारत को जितना समर्थन करेंगे, उतना ही बेहतर होगा, क्योंकि चीन का पाकिस्तान का काफी इंट्रेस्ट है.
पश्चिम के बारे में नहीं सोच रहे ये लोग
इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को सपोर्ट करने के लिए तुर्की की भी आलोचना की और अंकारा को समस्या खड़ा करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि जो लोग भारत के हित के बारे में नहीं सोच रहे है, वो पश्चिम के बारे में भी नहीं सोच रहे है. इसके अलावा, वेंस ने पाकिस्तान के पक्ष में तुर्की द्वारा दिए जाने वाले एंटी इंडिया बयान की आलोचना की जाने की बात कहीं.
एक असफल देश है पाकिस्तान
ब्रिटिश लेखक ने कहा कि मुझे कोई आश्चर्य नहीं है. चीन भारत के लिए एक समस्या है और जैसा मैंने कहा कि पाकिस्तान के असफल देश है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि तुर्की भी एक विवादास्पद देश है. तो इन सबके बाद मुझे कोई हैरानी नहीं हुई. एर्दोगान और डैगन के बीच मैं ज्यादा अंतर नहीं कर पाता.
इसके अलावा, उन्होंने भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के लिए भी भारत को मजबूती के साथ समर्थन दिया. उन्होंने कहा यह होना जरूरी था और ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा है. पाकिस्तान एक असफल और आतंकवादी देश है. ऐसे में यह जरूरी है कि भारत द्वारा ऐसा कदम उठाया गया.
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