आज तुर्की में शुरू होगी रूस-यूक्रेन शांति वार्ता, राष्ट्रपति पुतिन नहीं होंगे शामिल, डेलीगेशन लिस्ट जारी

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Russia-Ukraine Peace Talks: तुर्की में आज रूस-यूक्रेन के बीच नए सिरे से शांति वार्ता शुरू होने जा रही है. इस वार्ता में रूस के राष्‍ट्रपति पुतिन ने शामिल नहीं हो रहे हैं. क्रेमलिन ने वार्ता से पहले अंकारा जाने वाले रूसी डेलीगेशन की लिस्‍ट जारी की है. ऐसे में वार्ता के पहले दौर में कोई ठोस फैसले आने की उम्मीद बेहद कम है. वहीं राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने 14 मई को कहा था कि कीव यूक्रेन-रूस शांति वार्ता में अपने अगले कदम का फैसला तब करेगा जब मास्को अपने प्रतिनिधिमंडल के बारे में जानकारी देगा.

मास्को ने बताया कि उनके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रपति के सलाहकार और प्रचार वास्तुकार व्लादिमीर मेडिंस्की करेंगे. रूसी प्रतिनिधिमंडल में उप विदेश मंत्री मिखाइल गालुज़िन, रूसी सैन्य खुफिया निदेशक इगोर कोस्त्युकोव और उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन भी सम्मिलित होंगे.

फिर से शुरू होगी 2022 वाली वार्ता?

बता दें कि रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन ने युद्ध विराम के आह्वान को अस्वीकार कर दिया है और युद्ध विराम लागू होने से पहले शांति वार्ता शुरू करने पर जोर दिया है. वहीं जवाब में, ज़ेलेंस्की ने कहा है कि वह शांति वार्ता के लिए तुर्की जाएंगे और उन्होंने पुतिन को वहां मिलने के लिए आमंत्रित किया है. लेकिन आज पुतिन तुर्की नहीं जा रहे हैं. रूस ने कहा है कि 15 मई की वार्ता, फरवरी 2022 में यूक्रेन के खिलाफ रूस के पूर्ण पैमाने पर युद्ध की शुरुआत के समय तुर्की में आयोजित 2022 शांति वार्ता की बहाली होगी. जिससे अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्रभाव के कारण यूक्रेन अपना कदम पीछे कर लिया था.

क्या थी 2022 की डील?

लीक हुए 2022 शांति मसौदा प्रस्ताव के अनुसार, दोनों देश क्रीमिया को संधि से बाहर करने पर सहमत हुए, जिससे वह रूसी कब्जे में रहेगा और यूक्रेन उस पर रूसी संप्रभुता को मान्यता नहीं देगा. अन्य रूसी नियंत्रण वाले क्षेत्रों की स्थिति का निर्णय बाद में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और पुतिन के बीच होने वाली वार्ता में किया जाना था.

इस संधि के तहत यूक्रेन कथित तौर पर नाटो या किसी अन्य सैन्य गठबंधन में शामिल होने की आकांक्षाओं को त्याग देगा, लेकिन यूरोपीय संघ में प्रवेश की इजाजत देगा. रूस द्वारा सभी प्रतिबंधों को हटाने, कीव के भाषा और राष्ट्रीय पहचान से संबंधित कानूनों को निरस्त करने और यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं को सीमित करने की भी मांग की गई थी.

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