Attari-Wagah Border : भारत-पाकिस्तान सीमा पर प्रतिदिन अटारी-वाघा बॉर्डर रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन होता है. जानकारी के मुताबिक, अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के कारण 8 मई 2025 से यह सेरेमनी अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गई थी. लेकिन कुछ दिनों बाद इसे फिर से चालू कर दिया गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले के मुताबिक, इस आयोजन का समय बदल दिया गया है. ऐसे में इस सेरेमनी का नया समय शाम 6 बजे से 6 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
रिट्रीट सेरेमनी का बदला गया समय
जानकारी के मुताबिक, पहले यह सेरेमनी शाम साढ़े छह बजे शुरू होकर 7 बजे तक चलती थी, लेकिन मौसम के बदलाव को देखते हुए BSF ने इसके समय में परिवर्तन किया है. बदलते मौसम और जल्दी दिन ढलने के कारण यह फैसला लिया गया है. अब सेरेमनी में शामिल होने के लिए आने वाले पर्यटकों को भी अधिक सुविधा होगी. इसके साथ ही भारत-पाकिस्तान सीमा पर होने वाला यह आयोजन हर दिन बड़ी संख्या में देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को आकर्षित करता है.
दोनों देशों के बीच उत्साहपूर्ण सैन्य समारोह
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमृतसर के पास अटारी-वाघा बॉर्डर पर होने वाली यह रिट्रीट सेरेमनी दोनों देशों की सीमा पर 1959 से होने वाला एक अनूठा और उत्साहपूर्ण सैन्य समारोह है, बता दें कि इस समारोह में राष्ट्रीय झंडे उतारने की प्रक्रिया शामिल होती है. इसके साथ ही दोनों देशों के सैनिकों की जोशीली परेड के कारण यह सेरेमनी विश्वभर में मशहूर है. जहां करीब 25,000 दर्शक बीटिंग रिट्रीट समारोह को देखने आते हैं.
इस समारोह में BSF-पाकिस्तानी रेंजर्स लेते हैं हिस्सा
बता दें कि ‘बीटिंग द रिट्रीट’ को भारत के सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स बखूबी निभाते हैं. ऐसे में सूरज ढलने के शुरू होते ही यह भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों की जोशीली परेड के साथ शुरू होती है और इसका समापन राष्ट्रीय ध्वजों को एक साथ नीचे उतारने के साथ होता है. सबसे महत्वपूर्ण बात कि जैसे ही शाम ढलती है, लोहे के गेट खुल जाते हैं और झंडे एक साथ नीचे उतर आते हैं. इस दौरान झंडे फहराने के बाद सैनिक आपस में हाथ मिलाते हैं, जिसके साथ समारोह का समापन होता और गेट बंद हो जाता है.
अटारी-वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी का नया समय
जानकारी देते हुए बता दें कि अटारी-वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी का नया समय शाम 6:00 बजे से 6:30 बजे तक होगा.
क्यों किया गया समय में बदलाव?
बदलते समय और दिन जल्दी ढलने के कारण समय में बदलाव किया गया है. जिससे पर्यटकों को अधिक सुविधा होगी.
सेरेमनी के पहले का समय
पहले इस सेरेमनी का समय अलग था जो कि शाम साढ़े छह बजे शुरू होकर 7 बजे तक चलती थी.
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