Russia Ukraine Peace Talks: बीते तीन वर्षों से जारी जंग के बीच, रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल पहली बार प्रत्यक्ष शांति वार्ता के लिए शुक्रवार को तुर्किये के इस्तांबुल में मिलेंगे. तुर्किये की मध्यस्थता में यह वार्ता हो रही है. यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री रुस्तेम उमेरोव करेंगे, जबकि रूस की ओर से वार्ता का नेतृत्व राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी व्लादिमीर मेदिंस्की करेंगे.
इस बैठक को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें टिकी हुई हैं, हालांकि वास्तविक समाधान की संभावनाओं पर अभी भी संदेह है. जानकारों और अधिकारियों का मानना है कि इस बैठक से युद्ध समाप्ति की दिशा में तत्काल किसी ठोस परिणाम आने की संभावना कम है.
पुतिन ने ठुकराई ज़ेलेंस्की से मुलाकात की पेशकश
लंबे समय बाद दोनों देश के नेता एक दूसरे से रूबरू होकर शांति वार्ता करने वाले हैं. हालांकि वार्ता से ठीक पहले शांति प्रयासों को उस समय झटका लगा, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ आमने-सामने बैठक का प्रस्ताव साफ तौर पर खारिज कर दिया. विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी बैठक की संभावनाएं पहले से ही बहुत कम थीं.
सीजफायर पर सहमति नहीं
अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा प्रस्तावित 30-दिवसीय पूर्ण युद्धविराम योजना को यूक्रेन ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है. मगर रूसी राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव पर कठोर और दूरगामी शर्तें जोड़कर इसे अस्वीकार कर दिया है. इससे वार्ता की सफलता की संभावना और भी कम हो गई है.
रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि
मालूम हो कि रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से युद्ध चल रहा है. इसमें हजारों नागरिकों और सैनिकों की मौत हो चुकी है. लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं. अब तक की अधिकांश वार्ताएं ऑनलाइन या तीसरे पक्ष के जिरए हुई हैं. यह पहली बार है कि दोनों देश सीधे आमने-सामने बैठकर वार्ता करने जा रहे हैं. इस्तांबुल में होने वाली यह वार्ता भले ही तत्काल संघर्षविराम की ओर न ले जाए, लेकिन इसे एक राजनयिक पहल के रूप में देखा जा रहा है. इससे भविष्य में स्थायी समाधान की नींव रखी जा सकती है.
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