भाजपा नेता दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर अदालती फैसलों और आदेशों की अनदेखी का आरोप लगाया है. उनके मुताबिक, ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट ही नहीं, बल्कि भारतीय संविधान को ही नहीं मानतीं. भाजपा नेता महंगाई भत्ता मुद्दे पर एससी के निर्देश पर सीएम ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. मीडिया से बात चीत के दौरान उन्होंने कहा, यदि मुख्यमंत्री कानून का पालन करते हैं, तो आप कैसे कह सकते हैं कि हम इस कानून, इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे?
जब अदालत से कोई निर्देश या फैसला आता है, तो आप कहते हैं कि आप इसे स्वीकार नहीं करेंगे. जब यह आपके पक्ष में होता है, तो आप इसे स्वीकार करते हैं, जब आपके पक्ष में नहीं होता है तो नहीं मानेंगे. ऐसे बिल्कुल भी नहीं चलेगा. भाजपा नेता ने शिक्षकों के प्रदर्शन पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, शिक्षक शांतिपूर्ण रूप से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, शिक्षा विभाग को ज्ञापन सौंप रहे हैं. 11 मई को राज्य सरकार की पुलिस की ओर से शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया गया. पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई के बाद भी शिक्षकों का हौसला टूटा नहीं है, वे अपने हक के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
शिक्षकों को आंदोलन के दौरान लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए, सीएम ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के इस बयान पर भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि सरकार को भी लक्ष्मण रेखा माननी चाहिए. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा- क्या लक्ष्मण रेखा सिर्फ शिक्षकों के लिए है? दिलीप घोष आगे बोले कि युवा जो पढ़कर एक परीक्षा पास कर नौकरी पाता है, वह आज ठोकरें खा रहा है। राज्य सरकार को चाहिए कि इसका समाधान निकाला जाए। राज्य सरकार पुलिस के बल पर शिक्षकों को दबाना चाहती है.