देश में अनुमान से कहीं अधिक है अवैध बांग्लादेशियों की संख्या: डॉ. राजेश्वर सिंह

Shivam
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देश की आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और जनसांख्यिकीय संरचना की रक्षा के उद्देश्य से सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह (Dr. Rajeshwar Singh) ने भारत सरकार को पत्र लिखकर देश में रह रहे अवैध प्रवासियों की शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कानूनी व संस्थागत सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया है.
इस बाबत उन्होंने कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) को पत्र लिखा. डॉ. राजेश्वर सिंह ने गृह मंत्रालय के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि 1997 में भारत में एक करोड़ से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या दर्ज की गई थी. 2004 तक यह आंकड़ा बढ़कर 1.2 करोड़ हो गया.
2016 में यह संख्या दो करोड़ से अधिक हो चुकी थी. उन्होंने आगे लिखा, आज देश में अवैध बांग्लादेशियों की संख्या अब किसी अनुमान से कहीं अधिक है, जिनके निर्वासन में आर्टिकल 21 (जीवन का अधिकार) के दुरुपयोग, NGO, एक्टिविस्ट लॉयर और लंबी न्यायिक प्रक्रिया बाधा बनते हैं.

इन अडचनों को दूर करने के लिए निम्नलिखित 6 महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर कार्य किये जाने की आवश्यकता है
1. विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 में संशोधन, समयबद्ध निर्वासन प्रक्रिया तय हो, ज़िलाधिकारी को निर्वासन आदेश देने का अधिकार.
 2. विशेष इमिग्रेशन ट्राइब्यूनल्स का गठन, न्यायिक देरी से बचने हेतु फास्ट ट्रैक प्रक्रिया.
 3. केंद्रीय पहचान तंत्र विकसित हो, NRC/NPR को आधार, मोबाइल डेटा, AI से जोड़ें, राष्ट्रीय स्तर पर अवैध घुसपैठियों की सूची बने.
 4. प्रशासनिक ढांचे का सुदृढ़ीकरण, सीमावर्ती राज्यों में डिटेंशन सेंटर, स्थानीय पुलिस को गिरफ्तारी व जांच का अधिकार.
 5. ‘नेशनल इमिग्रेशन कंट्रोल एक्ट’ लागू हो, सभी प्रावधान एकीकृत हों, आर्टिकल 21 का अवैध प्रवासियों द्वारा दुरुपयोग रुके.
 6. न्यायिक मार्गदर्शन तय हो, बार-बार की याचिकाएं और स्टे पर रोक, केवल विशेष मानवीय मामलों में न्यायालय हस्तक्षेप करे.
डॉ. राजेश्वर सिंह ने  पत्र में आगे कहा कि पाकिस्तान जैसे देश ने एक साल में 8 लाख अफगानिस्तानियों को वापस भेजा है, भारत में कानूनी जड़ता के नाम पर अब संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता.
श्री सिंह ने कहा, तेज़, ठोस और न्यायसंगत निर्वासन नीति बने, जो संविधान का पालन करते हुए देशहित को सर्वोपरि रखे.
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