India-Canada Relations: भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में लंबे समय से अनबन बनी हुई है, लेकिन आखिरकार कनाडा ने भी मान लिया कि खालिस्तानी आतंकी कनाडा में बैठकर भारत में हिंसा फैला रहे हैं. हालांकि भारत सरकार लंबे समय से ये बात कह रही थी, लेकिन कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, और उल्टें भारत पर ही आरोप लगाते रहे.
चहीं, अब कनाडा के वर्तमान प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने माना है कि खालिस्तानी कनाडा का इस्तेमाल भारत में हिंसा फैलाने के लिए कर रहे हैं और इस बात की पुष्टि कनाडा की खुफिया एजेंसी कनाडा सिक्योरिटी इंटेलीजेंस सर्विस (CSIS) ने अपनी एक रिपोर्ट में की है.
पहली बार कनाडा ने किया स्वीकार
खुफिया एजेंसी ने पहली बार आधिकारिक रूप से यह स्वीकार किया है कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथी मौजूद है, और वो भारत में हिंसा फैला रहे है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथी भारत में हिंसा का समर्थन करने, हिंसा के लिए फंड इकट्ठा करने और हिंसक गतिविधियों की साजिश रचने में शामिल रहे हैं.
राजनीति से प्रेरित हिंसक चरमपंथ की शुरुआत
बता दें कि सीएसआईएस ने अपनी 2024 सालाना रिपोर्ट में भारत की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं पर अपनी मुहर लगाई है और माना है कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों की मौजूदगी है. यह भारत के लिहाज से अहम बात है. उन्होंने अपने रिपोर्ट में कहा कि ‘1980 के मध्य में राजनीति से प्रेरित हिंसक चरमपंथ की शुरुआत कनाडा में मौजूद खालिस्तानी चरमपंथियों से हुई, जो हिंसा के जरिए भारत के पंजाब में एक अलग देश खालिस्तान बनाना चाहते हैं. अब कनाडा में थोड़ी संख्या में मौजूद खालिस्तानी चरमपंथी हिंसा के जरिए अपनी कोशिशों में जुटे हैं.
पीएम मोदी के कनाडा दौरे से बदले हालात
आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने बीते दिन कनाडा की यात्रा की और वे जी-7 सम्मेलन में शामिल हुए. दरअसल, साल 2023 में कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई थी. कनाडा की जांच एजेंसियों ने निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का दावा किया था, लेकिन भारत सरकार ने हमेशा इससे इनकार किया.
भारत ने कनाडा पर भारत-विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. अब कनाडा में मार्क कार्नी की सरकार सत्ता में आने के बाद फिर से भारत और कनाडा के रिश्तों में मिठास आनी शुरू हो गई है. दोनों नेता राजनयिक संबंध फिर से स्थापित करने और व्यापार संबंधी बातचीत फिर से शुरू करने के लिए सहमत हुए हैं.
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