पंजाब-जम्मू-कश्मीर विवाद: लंबे इंतजार के बाद जम्मू-कश्मीर को मिलने जा रहा है जल अधिकार

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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जम्मू-कश्मीरः 46 साल पहले जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बीच हुआ समझौता परवान चढ़ने जा रहा है. लंबे इंतजार के बाद जम्मू-कश्मीर को जल अधिकार मिलने जा रहा है. 1979 में पंजाब और जम्मू-कश्मीर सरकार के बीच हुए समझौते के आधार पर अब शाहपुरकंडी बांध परियोजना के तहत पानी की आपूर्ति जल्द शुरू करने की तैयारी है. ऐसे में पाकिस्तान को जाने वाला रावी दरिया का पानी पूरी तरह से रुक जाएगा.

शाहपुर कंडी बांध प्रबंधन ने जलाशय को 398.4 मीटर तक भरने के लिए सिंचाई विभाग से नहरों की क्लीयरेंस जम्मू-कश्मीर सिंचाई विभाग से मांगी है. वर्तमान में बांध का जलस्तर 397 मीटर पार कर चुका है. उम्मीद जताई जा रही कि जुलाई के पहले सप्ताह से जम्मू-कश्मीर की नहरों में आपूर्ति शुरू हो जाएगी.

सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के बाद केंद्र सरकार ने शाहपुरकंडी बांध परियोजना को लेकर भी तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय कमेटी ने जलाशय को 402.5 मीटर तक भरने की मंजूरी दे दी है, जो पहले 392 मीटर तक सीमित थी. जैसे ही जल स्तर 398.4 मीटर तक पहुंचेगा, जम्मू-कश्मीर की नहरों में शाहपुर कंडी बांध के माध्यम से रावी दरिया का पानी पहुंचना शुरू हो जाएगा.

शाहपुर कंडी बांध परियोजना के पूरा होने से जम्मू-कश्मीर के 32 हजार हेक्टेयर और पंजाब के 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे कृषि को बड़ा फायदा होगा. सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक जल संसाधन भारत में उपयोग करने का है. इससे स्थानीय किसानों को भी राहत मिलेगी.

शाहपुर कंडी परियोजना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले 15 दिन के अंदर जम्मू-कश्मीर की नहर को पानी सप्लाई किया जा सकेगा. इसके लिए जम्मू-कश्मीर सरकार में रावी तवी सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता से क्लीयरेंस भी मांगी गई है. उधर, स्थानीय अधिकारियों ने भी साफ किया है कि पंजाब की ओर से नहर में पानी छोड़े जाने के लिए जम्मू-कश्मीर की नहरें तैयार हैं.

अधीक्षण अभियंता, आरटीआईसी जुगल किशोर ने कहा कि पंजाब जब भी जम्मू-कश्मीर की नहरों में पानी छोड़ें, हम पूरी तरह से तैयार हैं. नहरों को पानी लेने के लिए तैयार कर लिया गया है. बारिश के मौसम में हमें कम पानी की जरूरत होगी, लेकिन इसके बाद हम पूरा पानी अपनी नहरों में ले सकेंगे.

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