भारत का हर्बल और आयुर्वेदिक OTC बाजार वैश्विक वृद्धि से आगे निकलने के लिए तैयार: Report

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारत के हर्बल और आयुर्वेदिक ओटीसी (Over the Counter) मार्केट में 6.5% की CAGR से वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 2025 में 69 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2033 के अंत तक 118 मिलियन डॉलर हो जाएगा. इस वृद्धि के साथ मार्केट वैश्विक रुझानों से आगे निकल जाएगा. सोमवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, चुनौतियां बनी हुई हैं, क्योंकि 2024 में 40% नए लॉन्च को विनियामक बाधाओं का सामना करना पड़ा, केवल 20% उत्पादों को क्लिनिकल मान्यता मिली है और गुणवत्ता संबंधी चिंताएं 30% तक की पेशकशों को प्रभावित करती हैं, जिससे क्लिनिकल इलनेस के लिए उनकी विश्वसनीयता और अडॉप्शन को सीमित किया जाता है.

इंडस्ट्री ने 70% से अधिक भारतीय घरों में मजबूती से किया प्रवेश

हर्बल और आयुर्वेदिक ओटीसी इंडस्ट्री (Herbal and Ayurvedic OTC Industry) के बारे में बताया जाता है कि यह शानदार तेजी से बढ़ रही है. नवीनतम शोध के अनुसार, इंडस्ट्री ने 70% से अधिक भारतीय घरों में मजबूती से प्रवेश किया है. यह जानकारी 1लैटिस की हेल्थकेयर इंटेलिजेंस रिसर्च विंग मेडआईक्यू द्वारा किए गए नवीनतम उद्योग विश्लेषण से सामने आई है, जो उपभोक्ता व्यवहार में एक मौलिक बदलाव को उजागर करता है. यह दिखाता है कि सभी आयु वर्गों में नेचुरल और केमिकल-फ्री वेलनेस प्रोडक्ट के लिए प्राथमिकता में एक मजबूत बदलाव आया है.

डिजिटल अडॉप्शन से तेजी से हो रहा बाजार का विस्तार

स्टडी से पता चलता है कि इस तेजी से विकास के पीछे महत्वपूर्ण कारक लोकप्रिय श्रेणियों जैसे च्यवनप्राश, अश्वगंधा सप्लीमेंट्स, आयुर्वेदिक पर्सनल केयर, फंक्शनल फूड और यूथ-टारगेटेड प्रोडक्ट्स जैसे इफर्वेसेंट टैबलेट की व्यापक खपत है. स्टडी से यह भी पता चलता है कि नए अडॉप्टर्स में से 40% से अधिक मिलेनियल्स और जेन जी हैं, जो ट्रेडिशनल वेलनेस के लिए एक पीढ़ीगत बदलाव का संकेत देते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल अडॉप्शन से बाजार का विस्तार तेजी से हो रहा है, शहरी ओटीसी बिक्री का 10% से अधिक अब ऑनलाइन है और 35% नए उत्पाद टेक-ड्रिवन पर्सनलाइजेशन प्रदान करते हैं.
इस बीच, लगभग 60% शहरी उपभोक्ता सक्रिय रूप से क्लीन-लेबल और जैविक-प्रमाणित उत्पादों की तलाश कर रहे हैं, जो भारतीय उपभोक्ताओं के बीच बढ़ती जागरूकता का संकेत देता है. इस क्षेत्र में इनोवेशन की एक मजबूत लहर भी देखी जा रही है, जिसमें 2023 में आरएंडडी निवेश 45% तक बढ़ गया है. वैश्विक स्तर पर, हर्बल और आयुर्वेदिक OTC बाजार 2025 में 145 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2033 तक 230 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है.
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