India Pakistan Tensions : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की जुलाई महीने की अध्यक्षता भारत को मिलने जा रही है. इसके साथ ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी भूमिका मजबूत करने की तैयारी तेज कर दी है. इस दौरान लोगों का कहना है कि पाकिस्तान इस अवसर का इस्तेमाल भारत को बदनाम करने और विक्टिम कार्ड खेलने के लिए कर सकता है.
झूठे नैरेटिव फैलाने की कोशिश कर सकता है पाकिस्तान
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान इस अवसर का फायदा उठाकर भारत के खिलाफ झूठे नैरेटिव फैलाने की कोशिश कर सकता है. लेकिन भारत पहले से ही सतर्क है. इस दौरान भारत ने भी पाकिस्तान के प्रयासों को विफल करने की रणनीति तैयार कर चुका है. फिलहाल भारत का फोकस अपनी मजबूत आर्थिक स्थिति और बढ़ते विदेशी निवेश की कहानी को दुनिया के सामने रखने पर रहेगा. इसके साथ ही भारत आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा करेगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मुद्दे पर एकजुटता की अपील करेगा.
भारत को मिलेगी ये बड़ी जिम्मेदारी
बता दें कि भारत को जुलाई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता मिलने जा रही है. इस मौके को जहां भारत वैश्विक मंच पर अपनी कूटनीतिक और आर्थिक नीतियों को मजबूती से रखने के रूप में देख रहा है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने इसे अपने प्रोपेगेंडा के लिए तैयार कर लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान इस दौरान कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालने की कोशिश करेगा.
भारत न्यूयॉर्क में आयोजित करेगा फोटो प्रदर्शनी
ऐसे में भारत न्यूयॉर्क में एक फोटो प्रदर्शनी आयोजित करेगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा किए हमले का और उसकी वजह से मानवता को हुई क्षति को दिखाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, इस प्रदर्शनी का उद्घाटन विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे. ऐसे में उस समय वे अमेरिका में क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने पहुंचेंगे. इस दौरान 22 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को लेकर पर एक खुली बहस करेगी.
विकास और वैश्विक सहयोग पर कार्यक्रमों की बनाई योजना
ऐसे में नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक अधिकारी का कहना है कि भारत ने इस पूरे महीने के लिए विकास और वैश्विक सहयोग पर केंद्रित कार्यक्रमों की योजना बनाई है और इनमें भारत की आर्थिक सफलता, निवेश में बढ़ोतरी और डिजिटल प्रगति जैसी कहानियों को प्रमुखता से सामने लाया जाएगा.
ऐसे में पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को लेकर अपना पुराना नैरेटिव दोहराने की कोशिश करेगा. जबकि भारत की रणनीति इस बार कहीं ज्यादा आक्रामक और तथ्यों पर आधारित होगी.
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