ईरानी हैकर्स ने ट्रंप की टीम को धमकाया, कहा-लीक करेंगे सीक्रेट डाटा

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Iran: ईरान और इजरायल के बीच युद्ध रुक गया है, लेकिन अब एक नया संघर्ष शुरू हो गया है. इस बार ईरानी हैकर्स ने अमेरिका और ट्रंप की टीम को सीधे निशाने पर ले लिया है और साइबर हमला तेज कर दिया है. ईरानी समर्थित एक हैकर ग्रुप ने ट्रंप की टीम से जुड़े ईमेल्‍स लीक करने की धमकी दी है. मालूम हो कि बीते दिनों इजरायल और ईरान के जंग में अमेरिका कूद गया था. इस वजह से जंग में नया मोड़ आ गया था. हालांकि कुछ दिन बाद ही युद्धविराम हो गया. अब ईरान से जुड़े हैकर्स अमेरिका पर साइबर अटैक कर रहे है.

ईमेल्‍स लीक करने की धमकी

दरअसल, रॉबर्ट नाम के हैकर ग्रुप ने दावा किया है कि उनके पास अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप से जुड़ें करीब 100 GB ईमेल्स हैं और वो इन्हें लीक या बेचने की तैयारी कर रहे हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार रॉबर्ट नाम से काम करने वाला ये हैकर ग्रुप 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले सामने आया था. उस समय ग्रुप ने ट्रंप से जुड़े कई अहम लोगों के ईमेल हैक किए थे और कुछ मीडिया संगठनों को लीक भी किए थे. अब युद्धविराम के बाद ये ग्रुप फिर से सक्रिय हो गया है.

इन लोगों के ईमेल्स निशाने पर

रॉयटर्स की खबर के अनुसार, हैकर्स के पास ट्रंप प्रशासन से जुड़े कुछ अहम लोगों के ईमेल्स का पूरा डेटा है. इनमें व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ सुज़ी वाइल्स, ट्रंप की वकील लिंडसे हॉलिगन, सलाहकार रोजर स्टोन का नाम शामिल है. इसके अलावा स्टॉर्मी डेनियल्स (पोर्न स्टार जो ट्रंप के खिलाफ रही हैं) उनके भी डेटा इस हैकर्स ग्रुप के पास है. हैकर्स ग्रुप का कहना है कि वो इन ईमेल्स को बेचने का मन बना रहा है. हालांकि अभी उन्होंने स्‍पष्‍ट नहीं किया है कि इनमें क्या-क्या कंटेंट है.

ट्रंप को पहले भी पड़ा था झटका

पिछले साल के चुनाव से पहले रॉबर्ट ग्रुप ने कुछ ईमेल्स लीक किए थे, जिनमें ट्रंप और उनके वकीलों के बीच आर्थिक लेन-देन, आरएफके जूनियर के साथ कानूनी समझौते की जानकारी, स्टॉर्मी डेनियल्स से जुड़े सेटलमेंट की बातचीत, रिपब्लिकन नेताओं से जुड़ी चुनावी रणनीतियां शामिल थी. हालांकि इन लीक से राष्‍ट्रपति ट्रंप की जीत पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा. फिलहाल व्हाइट हाउस, एफबीआई और संबंधित लोगों ने कोई विस्तृत बयान नहीं दिया है.

डिजिटल जंग का नया चेहरा

रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि ईरान अब एसिमेट्रिक वॉरफेयर यानी ऐसी रणनीति अपना रहा है जिससे सीधे युद्ध किए बिना भी अमेरिका और इजरायल को नुकसान पहुंचाया जा सके. साइबर हमला, डेटा लीक और ऑनलाइन ऑपरेशन अब ईरान की नई जंग बन चुके हैं और अब ट्रंप प्रशासन इस खतरे के बिल्कुल निशाने पर है.

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