केंद्रीयकृत किचन से 3 वर्ष में 682 परिषदीय स्कूलों के लगभग 85 हज़ार बच्चों की थाली तक पहुंचा मिडडेमील

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Varanasi: डबल इंजन की सरकार द्वारा केंद्रीयकृत किचन में पके मिड डे मील के पौष्टिक और गर्म भोजन परोसने की योजना को योगी सरकार परिषदीय स्कूलों तक पहुंचा रही है। सेवापुरी, हरहुआ और बड़ागॉव ब्लॉक के बाद अब इस शौक्षणिक सत्र से आराजी लाइन ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों के बच्चो तक अक्षय पात्र की थाली पहुंचने लगी है। पहले चरण मे आरजी लाइन ब्लॉक के 42 स्कूलों के 5,462 बच्चों जुड़ गए हैं। शेष स्कूल के बच्चों को भी योजना से जोड़ने की कवायद तेजी से चल रही है। इस योजना द्वारा नगर के तीन ज़ोन के प्राथमिक विद्यालयों तक भी भोजन पहुंच रहा है। एलटी कॉलेज परिसर में केंद्रीयकृत रसोई से महज 4 घंटे में मिड डे मील का खाना पका के विद्यार्थियों की थाली तक पहुंचा रहा है। वाराणसी मे अक्षय पात्र फाउंडेशन की योजना 2022 में प्रधानमंत्री के हाथों शुरू हुई थी।
योगी सरकार परिषदीय स्कूलों के छात्रों को गुणवत्तापरक और पौष्टिक भोजन मुहैया कराने के लिए  संकल्पित है। इसके लिए सरकार अक्षय पात्र फाउंडेशन के केंद्रीयकृत किचन में खाना पका कर परिषदीय स्कूलों तक पहुंचा रही है। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि सत्र 2022 -23 में 167 परिषदीय स्कूल के 25656 बच्चों को थाली परोसने से शुरू हुई ये योजना तीसरे शैक्षणिक सत्र 2025-26 में 682 विद्यालयों के 84886 बच्चों की थाली तक मिड डे मील के रूप में पहुंचने लगी है। सत्र 2022 -23 में हरहुआ ब्लॉक, सत्र 2024-25 में बड़ागॉव ब्लॉक और अब 2025 -26 शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ इसकी शुरुआत आराजी लाइन ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों में भी हो गई है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि सत्र 2025 -26 में अराजीलाइन ब्लॉक के 203 विद्यालयों में 24,170 छात्रों को मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में जोड़ा जाएगा, जो चरणबद्ध तरीके से लागू होगा। पहले चरण के अंतर्गत 42 स्कूलों के 5,462 बच्चों तक भोजन पहुंचने लगा है। नगर क्षेत्र के दशाश्वमेध जोन, वरुणापुर जोन, रामनगर जोन के प्राइमरी स्कूल के बच्चों को भी अक्षय फाउंडेशन 2023 से पीएम पोषण  योजना के तहत भोजन (पूर्व का नाम मध्याह्न भोजन) परोस रही है।
अक्षय पात्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरतर्षभा दास ने बताया कि लगभग 30 करोड़ की लागत से आधुनिक किचन तैयार किया गया था। रसोई घर में पूरी तरह से ऑटोमेटिक उपकरणों से खाना बनाया जाता है। 1 घंटे में 80,000 रोटी और 7200 लीटर दाल ,1600 किलो चावल कुकर में पकाए जाने की क्षमता है। सब्ज़ी के धुलने,छीलने और काटने का काम भी मशीन द्वारा होता है। खाने की गुणवत्ता तथा स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है । सेंट्रलाइज्ड किचन के  कोल्ड स्टोरेज में सब्जियां और अन्य सामान रखा जाता है। 4 घंटे में बच्चों का खाना बनाकर उनके स्कूलों तक पहुंचा दिया जाता है। स्कूलों तक खाना पहुंचाने के लिए 50 रूट पर विशेष प्रकार की 50 गाड़ियां चलती है, जो रोजाना लगभग 3300 किलोमीटर का सफर तय करती है। गर्म खाना विशेष प्रकार की टिफ़िन में सील होकर स्कूलों में बच्चों तक पहुँचता है।
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