शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष से लौटने में क्‍यों हो रही देरी, आखिर कब धरती पर वापस आएंगे एस्‍ट्रोनॉट?

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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 SpaceX Dragon Return: भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla), इस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर हैं, जहां वो 12 दिन से भी अधिक का समय बिता चुके है. Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्‍ला के साथ तीन अन्‍य यात्री भी आईएसएस पर पहुंचे है, जिनके अब वापसी का भी समय आ गया है. बता दें कि या मिशन फ्लोरिडा से 25 जून 2025 को लॉन्च हुआ था.

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे शुभांशु और उनके तीनों साथियों की 10 जुलाई के बाद कभी भी वापसी होनी थी. लेकिन अब इसमें कुछ देरी होने की संभावना है. दरअसल, यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) का कहना है कि अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर वापसी 14 जुलाई से पहले होना मुमकिन नहीं है. ऐसे में सवाल ये है कि यात्रियों के अंतरिक्ष से धरती पर लौटने में देरी क्‍यों हो रही है.

वापसी में देरी की क्‍या है वजह?

दरअसल, किसी भी अंतरिक्ष मिशन में सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होती है.  ऐसे में शुभांशु की वापसी में देरी के पीछे भी यही वजह है. इसके मुख्य कारण ये हैं:

  • फ्लोरिडा का खराब मौसम: शुभांशु और उनका क्रू SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल ‘ग्रेस’ में वापस लौटेंगे. यह कैप्सूल पैराशूट की मदद से फ्लोरिडा के पास समंदर में उतरेगा, जिसे ‘स्प्लैशडाउन’ कहते हैं. वहीं, यदि समंदर में तेज हवाएं, ऊंची लहरें या तूफान का खतरा हो, तो यह लैंडिंग खतरनाक हो सकती है. ऐसे में मिशन कंट्रोल ने मौसम के सामान्‍य होने का इंतजार करने का फैसला किया है.
  • ISS पर तकनीकी जांच: इसके अलावा हाल ही में ISS के एक हिस्से में हवा के रिसाव (प्रेशर लीक) की एक छोटी सी समस्या आई थी. फिलहाल इसे ठीक कर लिया गया है, लेकिन नासा और रूसी स्पेस एजेंसी इसकी पूरी तरह से जांच कर लेना चाहते हैं, जिससे भव्ष्यि में कोई खतरा न रहे. बता दें कि अंतरिक्ष स्टेशन एक बंद डिब्बे जैसा है, इसलिए किसी भी क्रू के आने-जाने से पहले उसकी पूरी सुरक्षा पक्की की जाती है.
  • स्पेसक्राफ्ट और दूसरे मिशन: वहीं, अंतरिक्ष में ट्रैफिक भी मैनेज करना पड़ता है. दरअसल, ISS पर डॉकिंग पोर्ट यानी स्पेसक्राफ्ट के लिए ‘पार्किंग स्पॉट’ सीमित होते हैं. वहीं, Axiom-4 का कैप्सूल अभी एक पोर्ट पर लगा है. दूसरे मिशनों के आने-जाने का भी एक तय शेड्यूल होता है. इन्हीं सभी चीजों का तालमेल बिठाने के लिए कभी-कभी शेड्यूल को आगे बढ़ाना पड़ता है.

अगर और देरी हुई तो…

वहीं, वैज्ञानिको के मुताबिक, यदि 14 जुलाई तक भी मौसम या तकनीकी वजहों से वापसी नहीं हो पाती है, तो भी चिंता की कोई बात नहीं है. क्‍योंकि ISS पर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए कई हफ्तों का अतिरिक्त खाना, पानी और ऑक्सीजन हमेशा मौजूद रहता है. वहीं, सुरक्षा के मामले में नासा और ISRO कोई समझौता नहीं करेंगे. ऐसे में सभी अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी तभी होगी, जब सब कुछ 100% सुरक्षित होगा.

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