लेफ्टिनेंट जनरल का गौरव प्राप्त कर चुकी हैं डॉ. माधुरी कानिटकर, महिलाओं के लिए बनीं मिशाल और..

Must Read

Dr madhuri Kanitkar : सशस्‍त्र बलों में लेफ्टिनेंट जनरल का पद में दूसरी सबसे उच्चतम रैंक होती है. बता दें कि अभी तक भारत की सिर्फ तीन महिलाएं इस पद तक पहुंच सकी हैं. जानकारी के मुताबिक, पहली भारतीय नौसेना की वाइस एडमिरल डॉ.पुनीता अरोड़ा थीं, इनके बाद एयरफोर्स की पहली महिला एयर मार्शल रहीं, जोकि पद्मावती बंदोपध्याय की पदोन्नति आर्म्ड फोर्स की दूसरी सबसे ऊंची रैंक पर हुई. इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर नियुक्त होने वाली तीसरी महिला डॉ. माधुरी कानिटकर हैं.

डॉ. माधुरी कानिटकर भारतीय सेना की उच्चतम रैंकों में गिनी जाने वाली एक ऐसा नाम हैं, जो कि देश के प्रति साहस, सेवा और समर्पण की मिसाल बन चुकी हैं. बता दें कि वह भारतीय सेना की तीसरी महिला लेफ्टिनेंट जनरल बनने का गौरव प्राप्त कर चुकी हैं. वर्तमान समय में डॉ. माधुरी कानिटकर जैसी महिला सभी भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं. आज के समय में दुनिया में उन्होंने साबित किया कि वर्दी हो या सेवा, महिलाएं हर क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंच सकती हैं.

जीवन परिचय

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार डॉ. माधुरी कानिटकर का जन्म महाराष्ट्र में हुआ. वह कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट और नेशनल डिफेंस कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की छात्रा रही हैं.  बता दें कि यह पढ़ाई में हमेशा उत्‍तीर्ण आती थी इसके साथ ही उन्होंने पुणे के आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज (AFMC) से एमबीबीएस किया और कॉलेज में टॉपर रहीं.  बता दें कि इनके पति राजीव कानिटकर भी सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके हैं. सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह दंपती भारतीय सेना का पहला ऐसा कपल है जिसे एक ही रैंक मिला.

ॉ. माधुरी कानिटकर का करियर

डॉ. माधुरी कानिटकर एक डॉक्टर के साथ  सैन्य अधिकारी और शिक्षिका रहीं. सेना में इनका करियर 37 वर्षों से भी अधिक समय तक रहा है. इस दौरान अपनी काबिलियत के चलते ये सेना में चिकित्सक के रूप में भी मरीजों का उपचार करती थी और मेडिकल एजुकेशन के साथ मिलिट्री मैनेजमेंट में भी प्रमुख भूमिका निभाती थी. जानकारी के मुतबिक, सेना में रहने के बावजूद उन्होंने AFMC की डीन के रूप में भी कार्य किया.

महिलाओं के लिए बनीं मिशाल

इस दौरान इतने साहस, समझदारी और सर्तकता से महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हुए इन्‍हें साल 2020 में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर प्रमोट किया गया, जिससे वे भारतीय सेना की तीसरी महिला अधिकारी बन गईं. बता दें कि इससे पहले यह उपलब्धि पद्मावती बंदोपाध्याय और पुनिता अरोड़ा को मिल चुकी थी. इससे यह साबित होता है कि आज के समय में महिलाएं सेना के किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं.

 इसे भी पढ़ें :- रूस ने अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तबाह करने का किया दावा, यूक्रेन के दो गांवों पर कब्‍जे की भी कही बात

 

Latest News

15 July 2025 Ka Panchang: मंगलवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

15 July 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त देखा...

More Articles Like This